डीटीयू , एयूडी और आइजीडीटीयूडब्ल्यू को खुलने में लगेगा करीब सप्ताह भर का समय
एसओपी के तहत अभी दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) और इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय (आइजीडीटीयूडब्ल्यू) को खुलने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। इसके लिए तीनों विवि द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी में शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जा चुकी है। एसओपी के तहत अभी दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू), अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) और इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय (आइजीडीटीयूडब्ल्यू) को खुलने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। इसके लिए तीनों विवि द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विश्वविद्यालयों में सैनिटाइजेशन, क्वारंटाइन कमरे बनाने और छात्रों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी स्थानों की साफ-सफाई का काम शुरू हो गया है।
यह कार्य पूरा होने के बाद डीटीयू, एयूडी और आइजीडीटीयूडब्ल्यू में फिलहाल अंतिम वर्ष व सेमेस्टर के छात्रों को प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट कार्य के लिए ही विश्वविद्यालय आने की छूट दी जाएगी। डीटीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट कार्य के अलावा छात्रों की कक्षाएं फिलहाल आनलाइन ही चलेंगी। दूसरे चरण में विश्वविद्यालय के छात्रावास भी खोले जाएंगे। वहीं, एयूडी की कुलपति प्रो. अनु सिंह लाठर ने बताया कि मंगलवार को कुलसचिव और सभी विभागों के डीन के साथ हुई बैठक में फिलहाल अंतिम वर्ष के छात्रों को ही विवि में बुलाने को लेकर सहमति बनी है।
इसके तहत स्नातक, स्नातकोत्तर, एमफिल और पीएचडी के छात्रों को बुलाया जाएगा। साथ ही एसओपी के मुताबिक 50 फीसद की क्षमता का ख्याल रखा जाएगा। इसके साथ ही आइजीडीटीयूडब्ल्यू की कुलपति प्रो. अमिता देव ने बताया कि उनके यहां भी फिलहाल बीटेक, एमटेक के अंतिम वर्ष और एमफिल व पीएचडी की छात्राओं को प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल के लिए विवि में आने की छूट दी जाएगी।
50 फीसद की क्षमता नियम का पालन करने के लिए पहले दिन कुल संख्या की आधी छात्राओं को बुलाया जाएगा। फिर पहले दिन आने वाली छात्राओं को अगले दिन आनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी, जबकि दूसरे दिन छात्राओं के दूसरे बैच को बुलाया जाएगा। इस बीच इस बात पर जोर रहेगा कि विवि आने वाली छात्राओं की एक दिन में अधिक से अधिक कक्षाएं और प्रैक्टिकल हो जाएं।