इजरायल की तकनीक से एम्स में आसान होगा कोरोना वायरस का इलाज
इजरायल के दूतावास ने एम्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित वीडियो युक्त आवाज से संचालित होने वाले एआई रोबोट एक एप उपलब्ध कराए हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना से जंग के लिए इजरायल के दूतावास ने एम्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अधारित अत्याधुनिक तकनीक, उपकरण, सॉफ्टवेयर व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए हैं। मंगलवार को इजराइट की एक टीम बकायदा एम्स पहुंची और संस्थान को यह चीजें उपलब्ध कराई। इससे एम्स में कोरोना के मरीजों का इलाज आसान हो सकेगा। डॉक्टर मरीजों के संपर्क में आए बगैर बेहतर देखभाल कर सकेंगे।
इस दौरान इजरायल के राजदूत डॉ रॉन मलका ने कहा कि भारत के सबसे अच्छे चिकित्सा संस्थान एम्स को बेहतरीन तकनीक उपलब्ध करा रहें हैं। हालांकि एम्स के पास पहले से बेहतर संसाधन है लेकिन इस तकनीक की मदद से कोरोना से मुकाबला करने में एम्स की क्षमता बढ़ जाएगी।
इजरायल के दूतावास ने एम्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित वीडियो युक्त, आवाज से संचालित होने वाले एआई रोबोट, एक एप उपलब्ध कराए हैं। जिसे किसी भी मोबाइल पर इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से कोरोना वार्ड में कार्यरत डॉक्टर व नर्सिंग कर्मचारी आसानी से मरीज की देखभाल कर सकते हैं।
ऐसे तकनीक मिली है जिससे जिससे मरीजों के संपर्क में आए बगैर डॉक्टर उनकी हृदय गति, सांस लेने की गति इत्यादि की निगरानी लगातार कर सकेंगे। इसके अलावा अस्पताल में संक्रमण की रोकथाम के लिए ऐसे उत्पाद उपलब्ध कराएं हैं जिससे सतह को 12 घंटे तक संक्रमण मुक्त रखा जा सकता है। उसे सीपीडी कहा जाता है। इससे संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलेगी।
कोरोना के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीङ्क्षनग के लिए भी उपकरण उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा एआई आधारित एक सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए हैं, जिसे अल्ट्रासाउंड के साथ कनेक्ट किया जा सकता है। इससे जांच आसान होगी। इस दौरान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एम्स में कोरोना के अब तक 5500 मरीजों का इलाज हो चुका है। उन्होंने इजरायल से मिलने वाली मदद की सराहना की।