Yoga Day 2021: चीन को झटका देने की तैयारी! इस बार स्वदेशी चटाइयों पर आसन करेंगे देशवासी
सदर बाजार के दुकानदार कपिल कुमार और राजीव गर्ग का कहना है कि लोग इसलिए भी स्वदेशी चटाइयां खरीद रहे हैं क्योंकि योग करते वक्त यह जमीन और घास पर चिपकती नहीं है। जबकि चाइनीज चटाइयां घास पर चिपकती हैं।
नई दिल्ली [राहुल सिंह]। कोरोना महामारी से बचने के लिए इन दिनों बुजुर्गों से लेकर युवा योग को अपना हथियार बना रहे हैं। यही वजह है कि योग दिवस से ठीक पहले योग के लिए प्रयोग में आने वाली चटाइयों (मैट) की मांग 50 फीसद तक बढ़ गई हैं। पुरानी दिल्ली के सदर बाजार से देश भर में चटाइयों की सप्लाई की जाती हैं। दुकादारों का कहना है कि इस साल लोग स्वदेशी चटाइयों पर बैठकर व लेटकर योग के आसन करेंगे, जिसकी लगातार मांग बढ़ रही हैं।
लोगों को चाइनीज मैट के स्थान पर हरियाणा और राजस्थान में बनी चटाइयों खूब भा रही हैं। इनकी दिल्ली से पूरे एनसीआर, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत अन्य राज्यों में थोक में सप्लाई की जा रही है। वहीं, दिल्ली के कनाट प्लेस और करोलबाग के बाजारों में भी लोग स्वदेशी चटाइयां अपने प्रयोग के लिए खरीद रही है।
घास पर चिपकती नहीं हैं स्वदेशी चटाइयां
सदर बाजार के दुकानदार कपिल कुमार और राजीव गर्ग का कहना है कि लोग इसलिए भी स्वदेशी चटाइयां खरीद रहे हैं, क्योंकि योग करते वक्त यह जमीन और घास पर चिपकती नहीं है। जबकि चाइनीज चटाइयां घास पर चिपकती हैं। वहीं, पसीना आने पर वह कपड़ों से भी चिपकने लगती हैं, जिससे लोगों को त्वचा संबंधी रोग होने का भी खतरा रहता है। वहीं, स्वदेशी चटाइयों को बनाने में सूती कपड़े का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा चाइनीज मैट में प्लास्टिक का प्रयोग होता है, जिसके कारण वह पानी व पसीने के संपर्क में आने के बाद चिपकती हैं।
चाइनीज चटाई से अधिक लंबी होता स्वदेशी मैट
कनाट प्लेस के दुकानदार गंजानंद शर्मा और राजपाल सिंह ने कहा कि चटाइयों की कीमत से 400 रुपये से लेकर 800 रुपये तक हैं। इसमें स्वदेश मैट की कीमत और चाइनीज मैट की कीमत में अधिक नहीं है। दोनों की कीमत में बहुत अधिक अंतर नहीं हैं। लेकिन चाइनीज मैट के मुकाबले देसी मैट अधिक लंबा होता है। उन्होंने कहा कि चाइनीज मैट की लंबाई पांच फुट 10 इंच होती है, जबकि स्वदेशी मैट की लंबाई छह फुट से अधिक ही रहती है। उन्होंने कहा कि यह भी एक वजह है, जिसकी वजह से लोगों को स्वदेशी चटाइयां खूब भा रही हैं।