Covaxin Vaccine News: चीन की कोरोनावैक से ज्यादा असरदार है भारत की कोवैक्सीन

Covaxin v/s CoronaVac स्वदेशी टीका कोवैक्सीन चीन के टीके कोरोनावैक की तुलना में महामारी से बचाव में अधिक असरदार है। यह दावा एम्स के डाक्टरों ने कोवैक्सीन की प्रभावशीलता पर किए गए अपने अध्ययन में किया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:26 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:26 AM (IST)
Covaxin Vaccine News:  चीन की कोरोनावैक से ज्यादा असरदार है भारत की कोवैक्सीन
Covaxin Vaccine News: चीन की कोरोनावैक से ज्यादा असरदार है भारत की कोवैक्सीन

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। चीन की कोरोनावैक व भारत में विकसित कोवैक्सीन यह दोनों टीके निष्क्रिय कोरोना वायरस से विकसित किए गए हैं। इन्हें विकसित करने की तकनीक लगभग समान है। इसके बावजूद स्वदेशी टीका कोवैक्सीन चीन के टीके कोरोनावैक की तुलना में महामारी से बचाव में अधिक असरदार है। यह दावा एम्स के डाक्टरों ने कोवैक्सीन की प्रभावशीलता पर किए गए अपने अध्ययन में किया है।

एम्स ने संस्थान के स्वास्थ्य कर्मियों पर कोवैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन किया है। यह अध्ययन कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा का संक्रमण अधिक होने के दौरान किया गया गया। इसमें यह टीका दोनों डोज लेने के 14 दिन बाद कोरोना से बचाव में 50 फीसद प्रभावी पाया गया है। वहीं टीके की दोनों डोज लेने के छह सप्ताह बाद कोवैक्सीन को 57 फीसद प्रभावी बताया गया है। मेडिकल जर्नल लांसेट इनफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित इस अध्ययन में एम्स के डाक्टरों ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण के दौरान विदेश में हुए अलग-अलग अध्ययनों में कोरोनावैक की प्रभावशीलता अलग-अलग पाई गई है।

ब्राजील के मनौस में गामा स्ट्रेन के संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हुए अध्ययन में कोरोनावैक की दोनों डोज टीका लेने के 14 दिन बाद उसकी प्रभावशीलता 37 फीसद पाई गई है। वहीं ब्राजील के ही साओ पालो में गामा वायरस के संक्रमण के दौरान बुजुर्गो पर हुए अध्ययन में यह टीका 42 फीसद प्रभावी पाया गया था। इस लिहाजा से कोवैक्सीन टीका कोरोनावैक की तुलना में अधिक प्रभावी पाया गया, जबकि, एम्स ने कोवैक्सीन पर अध्ययन उस वक्त किया जब डेल्टा वायरस का संक्रमण ज्यादा था।

एम्स के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. नीरज निश्चल ने कहा कि कोवैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन उस वक्त किया गया जब डेल्टा वायरस का संक्रमण अधिक था, जो बेहद घातक स्ट्रेन माना जाता है। संक्रमण अधिक होने पर किसी भी टीके की प्रभावशीलता कम हो जाती है। अब देश में टीकाकरण का दायरा बढ़ने से कोरोना के मामले नियंत्रित हैं।

chat bot
आपका साथी