Indian railways: माल ढुलाई से रेलवे की बढ़ रही है कमाई, बताया कोरोना काल में कितनी हुई आय

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि दिल्ली मंडल ने जुलाई में माल ढुलाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इसे और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। माल ढुलाई से होने वाली आमदनी को बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 01:28 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 01:28 PM (IST)
Indian railways: माल ढुलाई से रेलवे की बढ़ रही है कमाई, बताया कोरोना काल में कितनी हुई आय
माल ढुलाई से रेलवे की बढ़ रही है कमाई

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। कोरोना महामारी के दौर में ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ माल ढुलाई से होने वाली आय को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं। अनाज सहित अन्य सामान की ढुलाई पहले से ज्यादा हो रही है, जिससे कमाई भी बढ़ी है। दिल्ली मंडल ने जुलाई 2021 में जुलाई 2020 की तुलना में 27.79 फीसद ज्यादा कमाई की है।

दिल्ली मंडल को हुई 270.54 करोड़ रुपये की कमाई

दिल्ली रेल मंडल में जुलाई में 21.5 लाख टन माल का लदान किया गया। यह पिछले वर्ष जुलाई से 20.57 फीसद ज्यादा है। पिछले वर्ष इस माह मात्र 17.8 लाख टन माल का लदान हुआ था। इससे आमदनी भी बढ़ी है। माल ढुलाई से पिछले माह दिल्ली मंडल को कुल 270.54 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। पिछले वर्ष जुलाई में 211.71 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।

उत्तर रेलवे से 18 राज्यों में पहुंचाया जा रहा है अनाज

पिछले वर्ष लाकडाउन के समय जब ट्रेनों के साथ ही अन्य वाहनों की आवाजाही लगभग बंद हो गई थी, उस समय मालगाडि़यों के जरिये पूरे देश में जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा था। उत्तर रेलवे से लगभग 18 राज्यों में अनाज पहुंचाया जा रहा है, जिससे कि गरीबों को मुफ्त व सरकारी मूल्य पर राशन मिल सके।

इसके साथ ही अन्य जरूरी सामान की ढुलाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। मंडल स्तर पर इसके लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है। अधिकारी व्यापारियों से नियमित बैठक करके उनकी परेशानी दूर करते हैं।

लंबी मालगाड़ियों का हो रहा है संचालन

जरूरत के अनुसार ज्यादा क्षमता वाली मालगाडि़यों के साथ छोटी मालगाडि़यां भी चलाई जा रही हैं। परंपरागत तौर पर एक मालगाड़ी में 42 वैगन (डब्बे) होते हैं। ज्यादा सामान पहुंचाने के लिए डेढ़ सौ से ज्यादा बैगन वाले शेषनाग, 88 वैगन वाली अन्नपूर्णा और इसी तरह से अंबा, अंत्योदय जैसी लंबी मालगाड़ी चलाई जा रही है। दो से चार मालगाडि़यों को एक साथ जोड़कर भी कम समय में ज्यादा माल पहुंचाया जा रहा है। वहीं, जरूरत के अनुसार 21 वैगन वाली मालगाड़ी भी चल रही है। मालगाडि़यों की रफ्तार भी औसतन 35 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर लगभग 65 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई है।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि दिल्ली मंडल ने जुलाई में माल ढुलाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इसे और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। माल ढुलाई से होने वाली आमदनी को बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

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