Indian Railway News: रेलवे कर्मचारियों व उनके स्वजनों को इलाज कराने में नहीं होगी समस्या, रेलवे ने उठाए ये खास कदम
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कोरोना से संक्रमित होने वाले रेलवे कर्मचारियों व उनके स्वजनों के साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इलाज पर ध्यान दिया जा रहा है। मई व जून माह में 25 हजार आरटी-पीसीआर जांच की गई जिसमें 72 सौ लोग संक्रमित पाए गए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बावजूद कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे कर्मचारियों व उनके स्वजनों को इस तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर इलाज कराने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। इन मरीजों के लिए अस्पताल में अलग से बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की हुई कमी को ध्यान में रखकर सभी मंडल अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कोरोना से संक्रमित होने वाले रेलवे कर्मचारियों व उनके स्वजनों के साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इलाज पर ध्यान दिया जा रहा है। मई व जून माह में 25 हजार आरटी-पीसीआर जांच की गई जिसमें 72 सौ लोग संक्रमित पाए गए थे। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उत्तर रेलवे में 710 कोरोना बिस्तर और 61 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। दूसरी लहर के दौरान नई दिल्ली स्थित रेल निवास अधिकारी अतिथि गृह में आक्सीजन की सुविधा वाले 108 बिस्तरों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अस्पताल में पांच सौ लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला आक्सीजन संयंत्र शुरू हो गया है। पांच मंडल अस्पतालों में भी शीघ्र आक्सीजन संयंत्र की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण ठीक होने के बावजूद कई लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की स्वास्थ्य समस्या से पीडि़त रेल कर्मचारियों व उनके परिजनों के लिए 47 बिस्तर आरक्षित रखे गए हैं। केंद्रीय अस्पताल में म्यूकरमाइकोसिस से पीडि़त 18 मरीजों का इलाज किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर रेलवे में 83 फीसद कर्मचारियों का टीकाकरण हो गया है।