IMA के वित्त सचिव डॉ. अनिल गोयल ने कहा- दिल्ली के अस्पतालों में 25,000 बेड बढ़ाने की जरूरत
डॉक्टरों का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों में 18 हजार बेड की व्यवस्था हो भी गई तो भी बेड कम पड़ेंगे क्योंकि जिस तरह 13 हजार से ज्यादा नए मामले आने लगे हैं यदि अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही तो 18 हजार बेड भी कम पड़ जाएंगे।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राजधानी दिल्ली में कोरोना के कारण हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं। ज्यादातर बड़े सरकारी व सभी निजी अस्पतालों के आइसीयू में वेंटिलेटर भर चुके हैं। ऑक्सीजन बेड की कमी पड़ गई है। इस वजह से मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। दिल्ली कोरोना एप के अनुसार भी दिल्ली के अस्पतालों में 90.6 फीसद वेंटिलेटर व बगैर वेंटिलेटर वाले आक्सीजन युक्त 82.42 फीसद आइसीयू बेड भर चुके हैं। महज 9.4 फीसद वेंटिलेटर व 17.58 फीसद बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड खाली है।दिल्ली अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए अभी 13,091 बेड की व्यवस्था है। जिसमें से 63.75 फीसद बेड भर चुके हैं। सिर्फ 36.25 फीसद बेड ही खाली बचे हैं।
इससे पहले रविवार को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 14 निजी अस्पतालों को पूरी तरह कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भी बेड बढ़ाने का आदेश दिया गया है और 18 हजार बेड की व्यवस्था करने की बात कही गई थी।
वहीं, मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए डाक्टर कहते हैं कि अगले दो-तीन दिनों में 18 हजार बेड की व्यवस्था हो भी गई तो भी बेड कम पड़ेंगे, क्योंकि जिस तरह 13 हजार से ज्यादा नए मामले आने लगे हैं यदि अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही तो 18 हजार बेड भी कम पड़ जाएंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वित्त सचिव डॉ. अनिल गोयल ने कहा है कि जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं उससे अस्पतालों में 25 हजार बेड बढ़ाने की जरूरत है। इसमें भी ऑक्सीजन बेड अधिक बढ़ाए जाने की जरूरत है, क्योंकि बहुत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत हो रही है।
यह है फिलहाल दिल्ली की स्थिति अस्पतालों में उपलब्ध बेड- 13,091 भरे बेड- 8345 खाली- 4746 वेंटिलेटर वाले उपलब्ध आइसीयू बेड- 1168 भरे बेड- 1058 खाली- 110 बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड- 2110 भरे हुए- 1739 खाली- 371