कैलास मानसरोवर व लाहौर-कराची के बिना अधूरा है हिंदुस्तान: इंद्रेश कुमार

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने दिल्ली में कहा कि चीन और पाकिस्तान कश्मीर के लिए नारा लगाते रहते हैं तो हिंदुस्तानियों को यह नारा क्यों नहीं लगाना चाहिए कि कैलास मानसरोवर कराची और लाहौर के बिना हिंदुस्तान अधूरा है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 03:00 PM (IST)
कैलास मानसरोवर व लाहौर-कराची के बिना अधूरा है हिंदुस्तान: इंद्रेश कुमार
शहीद मेजर मोहित शर्मा की मां सुशीला को अखंड भारत के मानचित्र का स्मृति चिह्न् देकर सम्मानित करते इंद्रेश कुमार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लाहौर और कराची के बिना हिंदुस्तान को अधूरा बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान कश्मीर के लिए नारा लगाते रहते हैं तो हिंदुस्तानियों को यह नारा क्यों नहीं लगाना चाहिए कि कैलास मानसरोवर, कराची और लाहौर के बिना हिंदुस्तान अधूरा है।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की ओर से आयोजित ‘विशाल अखंड भारत का पुन:स्मरण’ कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार ने कहा कि अंग्रेजों ने फूट डालो और शासन करो की नीति के तहत अखंड भारत को तोड़कर अलग-अलग देशों में विभाजित किया। सरकार अपना काम करेगी, सेना अपना काम करेगी, लेकिन जनता को भी तो अपनी भूमिका तय करनी होगी। उन्होंने ‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’ गीत पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह गाना महात्मा गांधी के मरणोपरांत बनाया गया। यदि गांधी जी जीवित होते तो इस गीत को न वह गाने देते और न किसी सभा में सुनाने देते।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि गुरुग्राम में एक व्यक्ति अपने पांच वर्ष के बच्चे को भारत विरोधी नारे की सीख दे रहा है। ऐसी विचारधारा पर भी लगाम लगाने की जरूरत है। 

शहीदों के परिवार को किया गया सम्मानित

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमें अगले 25 वर्षो में नए भारत के निर्माण में अपनी भूमिका तय करनी है। कार्यक्रम में शहीदों के परिवारों के साथ ही खेल जगत में देश का नाम रोशन करने वाली पूर्व कबड्डी खिलाड़ी पद्मश्री सुनील डबास व बीसीसीआइ की सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा को भी सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अखंड भारत का स्मरण करते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में मौजूद तीर्थ स्थलों व पर्यटन स्थलों के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

chat bot
आपका साथी