कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में गुर्दों पर ज्यादा हुआ असर, ऐसे करें बचाव
दिल्ली के पारस हेल्थकेयर के एचओडी नेफ्रोलाजी डा. पी. एन. गुप्ता ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ गई किडनी की समस्याओं से ग्रस्त रोगियों की संख्या। सुरक्षित रहने के लिए कोविड नियमों के पालन और पौष्टिक आहार को बना लें अपनी आदत...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस सबसे पहले फेफड़ों को संक्रमित करता है, लेकिन गंभीर मामलों में इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। कोरोना की पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ, जिन्हें इस संक्रमण के कारण गुर्दों से संबंधित समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं में एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) और गुर्दों का काम करना बंद कर देना (किडनी फेलियर) प्रमुख हैं।
कोरोना वायरस प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से ही गुर्दों को प्रभावित करता है। कोरोना वायरस जब नाक व मुंह के संपर्क में आता है तो यह म्यूकस मेंब्रेन द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। वायरस श्वसन मार्ग से होता हुआ शरीर के बाकी भागों तक फैल जाता है। यह वायरस शरीर को संक्रमित कर स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करता है। ऐसे में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ती है। इस स्थिति में श्वेत रक्त कणिकाओं का निर्माण बढ़ जाता है, जो क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करने के बजाय, स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करने लगती हैं। जिसके कारण रक्त का संक्रमण होने के साथ कई अंग काम करना बंद देते हैं और रोगी की मृत्यु हो जाती है।
गुर्दों की खराबी का कारण: कोरोना संक्रमण से स्थिति गंभीर होने पर फेफड़ों में सूजन आती है और फ्लूड भर जाता है। ऐसे में फेफड़े आक्सीजन व कार्बन डाईआक्साइड की अदला-बदली नहीं कर पाते हैं और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में रक्त अंगों को उतनी मात्रा में आक्सीजन सप्लाई नहीं कर पाता है, जितनी उन्हें कार्य करने के लिए जरूरी होती है। ऐसे में गुर्दे भी प्रभावित होते हैं। यदि गुर्दों की बीमारी पहले से है तो डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
ऐसे करें संक्रमण से बचाव: डाइट में उन चीजों को शामिल करें जो इम्यून सिस्टम को मजबूती देती हैं। हाई प्रोटीन डाइट लें। फल, हरी सब्जियां, बींस का नियमित सेवन करें। खट्टे फलों को प्राथमिकता में रखें, यह विटामिन सी से भरपूर होते हैं। ध्यान रहे कि कोरोना संक्रमण नियंत्रित हुआ है, खतरा पूरी तरह टला नहीं है।