कोरोनाकाल में आक्सीजन सिलेंडर व कंसंट्रेटर के नाम पर ठगने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, झारखंड के इस इलाके से निकला कनेक्शन
ढाई महीने से क्राइम ब्रांच की टीम इसकी तलाश में नालंदा बिहार व चतरा झारखंड में डेरा डाले हुई थी। डीसीपी क्राइम राजेश देव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम विकास कुमार है। वह मूलरूप से नालंदा बिहार का रहने वाला है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में देशभर के सौ से अधिक जरूरतमंदों को आक्सीजन सिलेंडर व कंसंट्रेटर मुहैया कराने के नाम पर लाखों रुपये ठगी करने वाले कुख्यात नालंदा गिरोह के एक मास्टरमाइंड को क्राइम ब्रांच ने चतरा, झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली में आरोपित के खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं। ढाई महीने से क्राइम ब्रांच की टीम इसकी तलाश में नालंदा, बिहार व चतरा, झारखंड में डेरा डाले हुई थी। डीसीपी क्राइम राजेश देव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम विकास कुमार है। वह मूलरूप से नालंदा, बिहार का रहने वाला है। गिरोह में शामिल ठग नालंदा व चतरा, झारखंड के रहने वाले हैं।
वहीं से गिरोह के सदस्य देशभर के लोगों को ठगी के शिकार बनाए थे। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर अपने मोबाइल नंबर दे दिए थे। उक्त नंबरों पर संपर्क करने वालों से वे जल्द सिलेंडर व कंसंट्रेटर मुहैया कराने का झांसा देकर आनलाइन पैसे मंगवाते थे। पैसों का भुगतान करते ही उक्त नंबर बंद कर दिए जाते थे। विकास से पूछताछ के बाद इसके ठिकाने से 6 अलग-अलग बैंकों के पासबुक, 18 डेबिट कार्ड, आधार कार्ड, छह मोबाइल, एक लैपटाप, पहचान पत्र, 12 सिमकार्ड समेत कई सामान बरामद किए गए हैं। गिरोह ने अपने कई परिचित युवाओं के नाम से बैंक खाता खुलवाया था। इसके बदले युवाओं को 5000-5000 रुपये दिए थे।
कोरोना काल में ठगी की लगातार कई शिकायतें मिलने पर एसीपी मनोज दीक्षित व इंस्पेक्टर जयप्रकाश के नेतृत्व में एसआइ समरत खात्यान, हवलदार सुधीर, भूपेंद्र व सिपाही विकास की एक टीम गठित की गई थी। टीम को गत दिनों छानबीन से पता चला कि नालंदा के रहने वाले एक गिरोह का मास्टरमाइंड चतरा में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने वहां जाकर विकास को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि उसने आजाद, संदीप, अनुराग, सोनू व आशीष आदि सदस्यों के साथ मिलकर ठगी की थी। विकास, आजाद व संदीप तीनों नालंदा व अनुराग, सोनू व आशीष चतरा झारखंड के रहने वाले हैं।