कोरोना काल में रेमडेसिविर देने के नाम पर नंबर वायरल कर ऐसे की जा रही ठगी, आप भी पढ़ ले ये खबर
पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के नाम पर ठगी करने वाले ट्रेवल एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपित अनुज कुमार लाजपत नगर का रहने वाला है। ठगी के चार मामले दिल्ली के थानों में पहले से दर्ज हैं। इसके अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कई मामले दर्ज हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना काल में ठगों ने आम लोगों को ठगने का नया तरीका निकाल लिया है। अब वो पहले अपने फोन नंबर इंटरनेट मीडिया पर वायरल करते हैं, उसके बाद जब लोग उनसे संपर्क करते हैं और उनकी मांगी गई रकम को खाते में ट्रांसफर कर देते हैं उसके बाद वो अपना नंबर बंद कर लेते हैं। ऐसे में जरूरतमंद लोगों का पैसा भी चला जाता है और उनको दवा भी नहीं मिल पाती है। दिल्ली पुलिस के पास लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं। पुलिस ने इस तरह के एक मामले में आरोपी को गिरफ्तार भी किया है।
उत्तरी जिला पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के नाम पर ठगी करने वाले ट्रेवल एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपित अनुज कुमार लाजपत नगर का रहने वाला है। इस पर ठगी के चार मामले दिल्ली के अलग-अलग थानों में पहले से दर्ज हैं। इसके अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कई मामले दर्ज हैं। फिलहाल, पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने बताया कि चिकित्सा उपकरण व दवा मुहैया कराने के नाम पर ठगी में शामिल बदमाशों को पकड़ने के लिए एसीपी उमाशंकर की देखरेख में वाहन चोरी निरोधक दस्ते की टीम बनाई गई है।
एसआइ राजपाल मीणा व अन्य पुलिसकर्मी इंटरनेट मीडिया पर दवा और चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने के वायरल हो रहे संदेशों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान एक मोबाइल नंबर मिला, जिस पर रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने का दावा किया जा रहा था। पुलिस टीम ने उस मोबाइल नंबर पर संपर्क कर रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग की। इसके लिए आरोपित ने बैंक खाते में रुपये जमा कराने को कहा। पुलिस ने दिए गए बैंक खाते और मोबाइल नंबर से रविवार को लाजपत नगर इलाके से आरोपित अनुज को गिरफ्तार कर लिया।
लोगों की परेशानी का उठाया फायदा
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह ट्रेवल एजेंट का काम करता था, लेकिन लाकडाउन में उसका काम बंद हो गया। वह अप्रैल की शुरुआत में मूलचंद अस्पताल गया था। वहां पर तीमारदारों को आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए परेशान होते देखा। तभी से आरोपित ने ठगी करने का मन बनाया। पुलिस ने जब आरोपित के मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि वह दो सौ से अधिक लोगों से संपर्क कर चुका है।
वाट्सएप और फेसबुक पर नंबर किए वायरल
इसके लिए उसने अपने मोबाइल नंबर को वाट्सएप और फेसबुक पर वायरल किया हुआ था। जब कोई संपर्क करता था तो पहले आधी रकम अपने बैंक खाते में जमा कराने के लिए कहता था। जब रुपये जमा हो जाते थे तब वह अपना मोबाइल बंद कर लेता था। आरोपित पर सब्जी मंडी व समयपुर बादली समेत दिल्ली के चार थानों में ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित के बैंक खाते में चार लाख रुपये मिले हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल, आरोपित से पीडि़तों के बारे में जानकारी जुटाई जा रहा है।