दिल्ली पुलिस में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों के तबादले के निकाले जा रहे कई मायने, महकमे में दहशत का माहौल

लंबे समय से थानों स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच जैसी यूनिटों में पोस्टिंग काटने वाले अधिकतर एसीपी व इंस्पेक्टर सिक्योरिटी यूनिट पीटीसी और थर्ड बटालियन में तैनात किए गए हैं बड़े पैमाने पर तबादले को लेकर आइपीएस समेत पुलिस अधिकारियों में उथल-पुथल चल रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 12:54 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 12:54 PM (IST)
दिल्ली पुलिस में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों के तबादले के निकाले जा रहे कई मायने, महकमे में दहशत का माहौल
हाल के महीने में पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने अधिकतर एसीपी व इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया है।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। बदलाव की बयार में कोई तर जाता है तो कोई किनारे लग जाता है। कुछ अंतराल और छोटे स्तर पर होने वाले बदलाव की तो अक्सर चर्चा भी नहीं होती, लेकिन जब एक के बाद एक कुछ ही समय में ऐसा हो जाए, जो लंबे अर्से से या कभी न हुआ हो तो चर्चा के साथ दहशत का माहौल बनता है। ऐसा ही कुछ दिल्ली पुलिस की अफसरशाही में चल रहा है। बड़े पैमाने पर तबादले को लेकर आइपीएस समेत पुलिस अधिकारियों में उथल-पुथल चल रही है। हाल के महीने में पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने अधिकतर ऐसे एसीपी व इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया जो लगातार जिले, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच जैसी यूनिटों में तैनात थे।

लंबी पोस्टिंग काट चुके ऐसे एसीपी व इंस्पेक्टरों को अब सिक्योरिटी यूनिट, स्पेशल ब्रांच, पुलिस ट्रे¨नग कालेज, थर्ड बटालियन, जिला अन्वेषण इकाई व विजिलेंस में तैनात कर आजमाया जा रहा है। जो एसीपी और इंस्पेक्टर अर्से से अच्छी पोस्टिंग के इंतजार में थे, उन्हें आयुक्त ने जिले के सब डिवीजन, थानों, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच जैसे यूनिटों में तैनात किया है। आयुक्त द्वारा किए जा रहे इस नए प्रयोग को लेकर महकमे में खूब चर्चा है। बेहतर निर्णय, जल्द दिखेंगे परिणाम: पुलिस मुख्यालय सूत्रों की मानें तो आयुक्त राकेश अस्थाना हर पुराने ढर्रे को बदलना चाह रहे हैं। पदभार संभालने के बाद से लेकर अबतक कई ऐसे निर्णय ले चुके हैं, जिनके परिणाम जल्द देखने को मिल सकते हैं। फिर चाहे पीसीआर को जिला पुलिस के साथ मर्ज करना हो या राजधानी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए किए गए बदलाव।

अफसरशाही में इन्हें बेहतर निर्णय माना जा रहा है। राकेश अस्थाना पहले ऐसे आयुक्त हैं जिन्होंने बहुत कम समय में कई बड़े निर्णय लिए हैं। बाक्स कई तो खुद से आगे नहीं आना चाहते: लगातार हो रहे तबादले को लेकर कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार से अधिकारियों व कर्मियों को बचाने के ऐसा हो रहा है। साथ आयुक्त यह भी संदेश दे रहे हैं कि किसी पद पर लंबे समय तक तैनाती ठीक नहीं है। सर्विस रिकार्ड ठीक होने पर हर किसी को मौका मिलना चाहिए। बड़े पैमाने पर फेरबदल के बीच चर्चा यह भी है कि बड़ी संख्या में ऐसे एसीपी व इंस्पेक्टर हैं, जो एक्टिव पुलि¨सग में न आकर लंबे समय से पुलिस की अन्य यूनिटों में ही काम कर रहे थे। उन्हें भी अब जिलों में तैनाती दी गई है।

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