दिल्ली के वाहन चालक ध्यान दें, करीब 50 लाख वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडिंग के आदेश
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद किसी भी मान्यता प्राप्त डीलर से होलोग्राम आधारित कलर कोड स्टीकर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जा सकती है। ऐसा करना प्रत्येक वाहन चालक के लिए अनिवार्य है।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी दिल्ली में चलने वाले वाहनों पर लगे स्टीकर अब बताएंगे कि वाहन पेट्रोल व सीएनजी का है या फिर डीजल का है। दरअसल, एक अप्रैल 2019 के बाद के सभी वाहनों पर 30 अक्टूबर तक कलर कोड वाले स्टीकर लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से मंगलवार को इस बाबत सूचना जारी कर दी गई। इसके मुताबिक किसी भी मान्यता प्राप्त डीलर से होलोग्राम आधारित कलर कोड स्टीकर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जा सकती है। वाहनों की तुरंत पहचान करने के लिए इसमें प्रयोग होने वाले ईंधन की प्रकृति के मुताबिक अलग-अलग रंगों के होलोग्राम आधारित रंगीन स्टीकर लगाए जाएंगे। पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के लिए हल्का नीला रंग, डीजल वाहनों के लिए संतरी रंग और अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों के लिए ग्रे रंग के स्टीकर लगाने का आदेश दिया गया है। केंद्रीय परिवहन मंत्रलय ने पिछले साल 16 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा था कि राज्यों की अनुमति से मान्यता प्राप्त डीलर भी ये स्टीकर व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा सकते हैं।
कई गुना बढ़ाई गई कीमत
दिल्ली में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की कीमतों में वृद्धि हुई है। दोपहिया वाहनों में इसे लगवाने के लिए अब 70 रुपये के बजाय 365 रुपये खर्च करने होंगे। वहीं चार पहिया वाहनों के लिए 350 के स्थान पर 600 से 1100 रुपये लिए जाएंगे। यदि किसी वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जा चुकी है तो उन्हें स्टीकर लगवाना पड़ेगा। स्टीकर मान्यता प्राप्त डीलर ही लगा सकेंगे।
नंबर प्लेट बदलने का विरोध
वाहनों की नंबर प्लेट बदलने के दिल्ली सरकार के आदेश का भाजपा ने विरोध किया है। उसका कहना है कि कोरोना को ध्यान में रखकर इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। इसे लेकर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि दिल्ली सरकार के इस निर्णय से दुकानों पर भीड़ बढ़ने से संक्रमण बढ़ सकता है।
70 लाख निजी वाहन हैं
दिल्ली में मौजूदा समय में लगभग 70 लाख निजी वाहन हैं। इनमें 40 लाख से अधिक दोपहिया वाहन, 25 लाख से अधिक चार पहिया वाहन और लगभग 15 लाख व्यावसायिक वाहन हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक लगभग 5 लाख निजी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोडिंग है। परिवहन विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में 20 टीमें इसे लेकर कार्रवाई करेंगी।
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