दिल्ली में दिखा लॉकडाउन का असर, 24 अप्रैल से लगातार गिर रही है संक्रमण दर

बृहस्पतिवार को 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 10489 नए मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण दर 14.24 फीसद पहुंच गई। वहीं दिल्ली में सर्वाधिक संक्रमण दर 36 फीसद तक पहुंच गई थी। यह बदलाव 24 अप्रैल को बाद आया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 12:17 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 12:17 PM (IST)
दिल्ली में दिखा लॉकडाउन का असर, 24 अप्रैल से लगातार गिर रही है संक्रमण दर
दिल्ली में दिखा लॉकडाउन का असर, 24 अप्रैल से लगातार गिर रही है संक्रमण दर

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर दिखाई देना लगा है। दिल्ली में पूर्व की तुलना में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) ने कहा है कि बृहस्पतिवार को 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 10,489 नए मामले सामने आए हैं, जबकि संक्रमण दर 14.24 फीसद पहुंच गई। वहीं, दिल्ली में सर्वाधिक संक्रमण दर 36 फीसद तक पहुंच गई थी।  यह बदलाव 24 अप्रैल को बाद आया है।  कहा जा रहा है कि दिल्ली में लॉकडाउन के चलते संक्रमण दर में लगातार गिरावट आई।

वहीं, सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियां मोटा मुनाफा कमा रही हैं। यदि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों व निजी अस्पतालों के लिए टीके की मौजूदा दर लागू रही तो इन दोनों कंपनियों को 16-16 हजार करोड़ का मुनाफा होगा। इस बीच उन्होंने केंद्र सरकार पर भी सीरम इंस्टीट्यूट व भारत बायोटेक को भारी भरकम मुनाफा कमाने का मौका देने का आरोप लगाया है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि वैक्सीन के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक हुई है। इसमें केंद्र सरकार ने राज्यों से वैश्विक स्तर पर टीके की खरीद के लिए टेंडर जारी करने के लिए कहा है। इस पर जैन ने यह मामला उठाया कि यदि विदेश से टीका खरीदने के लिए दिल्ली सहित अन्य राज्य अलग-अलग टेंडर करेंगे तो देश की छवि खराब होगी। इसलिए सभी राज्यों की तरफ से केंद्र सरकार को ही टीका खरीदना चाहिए। यदि यह मांग नहीं मानी गई तो दिल्ली सरकार वैश्विक स्तर पर टीका खरीदने के लिए पहल करेगी। इसके अलावा कोविशील्ड व कोवैक्सीन को बनाने का फार्मूला दूसरी कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिए। देश में बहुत सारी फार्मा कंपनियां हैं, जो टीका बना सकती हैं। सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र सरकार को वैक्सीन 150 रुपये प्रति डोज में मिल रही है।

सीरम इंस्टीट्यूट के चेयरमैन ने कहा था कि इस शुल्क पर भी कुछ मुनाफा होता है। यह कंपनी महीने में छह करोड़ डोज टीका बनाती है और उसका 50 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार को उपलब्ध कराना है। यदि प्रति डोज 150 रुपये कीमत पर 10 रुपये भी मुनाफा होता है तो केंद्र सरकार को उपलब्ध कराए जाने वाले तीन करोड़ डोज से 30 करोड़ का मुनाफा होता है। राज्य सरकारों को यह टीका 300 रुपये में दिया जाता है। लिहाजा इससे प्रति डोज 160 रुपये मुनाफा लिया जा रहा है।

वहीं, निजी अस्पतालों को यह टीका 400 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। इसलिए निजी अस्पतालों से मुनाफा प्रति डोज 260 रुपये हुआ। इसलिए एक माह के टीका उत्पादन पर कंपनी को 960 करोड़ का मुनाफा होता है। देश में 18 साल से अधिक उम्र के करीब 100 करोड़ लोग हैं। यदि दोनों कंपनियों से 100-100 डोज टीका लिया जाता है तो उन्हें 16-16 हजार करोड़ का मुनाफा होगा। इस महामारी में कंपनियों को इतना मुनाफा कमाने का मौका नहीं दिया जा सकता है।

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