डाक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर आइएमए ने जताया रोष, सख्त कानून बनाने की मांग

देश में डाक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को देश भर में विरोध दिवस मनाया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:43 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:43 PM (IST)
डाक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर आइएमए ने जताया रोष, सख्त कानून बनाने की मांग
विरोध दिवस मनाकर हिंसा रोकने के लिए केंद्र सरकार से की सख्त कानून बनाने की मांग।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में डाक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को देश भर में विरोध दिवस मनाया। इस दौरान दिल्ली में एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) सहित राजधानी में 10 जगहों पर डाक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और मेडिकल छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी ने काली पट्टी बांधकर व काली शर्ट पहनकर विरोध जताया। आइएमए के मुताबिक देश भर के सभी राज्यों में विभिन्न शाखाओं द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान सभी ने केंद्र सरकार से डाक्टरों को बचाओ नारे के साथ डाक्टरों की सुरक्षा के लिए एक देशव्यापी सख्त और प्रभावी कानून बनाने की मांग की। साथ ही डाक्टरों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी मांग की। वहीं, आइएमए ने सरकार से टीकाकरण अभियान के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है।

प्रदर्शन के बाद आइएमए अध्यक्ष डा जेए जयालाल और महासचिव डा जयेश लेले ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव से मिलकर उन्हें प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त से मिलकर अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित जोन घोषित करने के लिए कहा। साथ ही आइएमए ने उम्मीद जताई कि चिकित्साकर्मियों के संयुक्त प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार जल्दी ही केंद्रीय कानून बनाकर एक जुलाई को डाक्टर्स डे के दिन चिकित्सा समुदाय को एक बड़ा तोहफा देगी।

chat bot
आपका साथी