डाॅक्टरों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी मांग
दिल्ली में एम्स सफदरजंग राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) सहित राजधानी में 10 जगहों पर डाक्टरों स्वास्थ्यकर्मियों और मेडिकल छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी ने काली पट्टी बांधकर व काली शर्ट पहनकर शांतिपूर्ण विरोध जताया ।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। देश में डाॅक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को देश भर में विरोध दिवस मनाया। इस दौरान दिल्ली में एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) सहित राजधानी में 10 जगहों पर डाॅक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और मेडिकल छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी ने काली पट्टी बांधकर व काली शर्ट पहनकर विरोध जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित ज्ञापन स्वास्थ्य सचिव को सौंपा
आइएमए के मुताबिक देश भर के सभी राज्यों में विभिन्न शाखाओं द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सभी ने 'केंद्र सरकार से डाॅक्टरों को बचाओ' नारे के साथ डाॅक्टरों की सुरक्षा के लिए एक देशव्यापी सख्त और प्रभावी कानून बनाने की मांग की। इसके साथ ही डाॅक्टरों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी मांग की।
टीकाकरण अभियान के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
वहीं, आइएमए ने सरकार से टीकाकरण अभियान के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है। प्रदर्शन के बाद आइएमए अध्यक्ष डा जेए जयालाल और महासचिव डा जयेश लेले ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव से मिलकर उन्हें प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त से मिलकर अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित जोन घोषित करने के लिए कहा। साथ ही आइएमए ने उम्मीद जताई कि चिकित्साकर्मियों के संयुक्त प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार जल्दी ही केंद्रीय कानून बनाकर एक जुलाई को डाक्टर्स डे के दिन चिकित्सा समुदाय को एक बड़ा तोहफा देगी।