जेरनेटर से होने वाले प्रदूषण पर लगेगी लगाम, IIT दिल्ली ने तैयार की 20 सालों तक चलने वाली बैट्री

डिपोर्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो अनिल वर्मा ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के चलते जनरेटर पर रोक लगा दी जाती है। पांच साल पहले हमने जनरेटर का विकल्प तलाशने पर काम शुरू किया। गहन शोध के बाद बैट्री तैयार की गई।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 12:37 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 12:37 PM (IST)
जेरनेटर से होने वाले प्रदूषण पर लगेगी लगाम, IIT दिल्ली ने तैयार की 20 सालों तक चलने वाली बैट्री
आइआइटी दिल्ली ने पांच साल के गहन शोध के बाद वीआरएफ बैट्री तैयार किया

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। हवा इस कदर खराब हो चुकी है कि सांस लेना भारी पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में आबोहवा सुधारने के मकसद से डीजल जनरेटर चलाने तक पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। जनरेटर प्रदूषण का बड़ा कारक है, लेकिन यदि आइआइटी के दावे पर यकीन करें तो बहुत जल्द जनरेटर को आप अलविदा कह सकते हैं। परेशान ना हों, जनरेटर के विकल्प के रूप में वीआरएफ बैट्री प्रयोग कर सकते हैं। यह सौर ऊर्जा से चार्ज होगी और 20 सालों तक चलेगी। इस बैट्री से किसी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होता।

बैट्री से बिजली

डिपोर्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो अनिल वर्मा ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के चलते जनरेटर पर रोक लगा दी जाती है। पांच साल पहले हमने जनरेटर का विकल्प तलाशने पर काम शुरू किया। गहन शोध के बाद बैट्री तैयार की गई। बकौल प्रो अनिल वर्मा वीआरएफ बैट्री में वेनेडियम इलेक्ट्रोलाइट नामक केमिकल कई अन्य रसायनों के साथ प्रयोग कियाजाता है। इसे सोलर पावर के माध्यम से चार्ज किया जाता है। वैसे तो यह डीसी(डायरेक्ट करेंट) बैट्री होगी लेकिन इसकी खासियत है कि यह पावर इलेक्ट्रानिक सर्किट की मदद से डीसी एनर्जी को एसी (अल्टरनेटिंग करेंट) में तब्दील कर सकेगी। बैट्री में केमिकल कितना भरा जाएगा इसका पैमाना बिजली की खपत के आधारपर तय होगा।

यहां होगा प्रयोग

आइआइटी ने बताया कि घरों के अलावा अस्पताल, गांव, भवन आदि में प्रयोग किया जा सकेगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज करने में भी इसका प्रयोग संभव होगा। इस शोध के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है।

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