IIT Delhi ने दिल्ली-एनसीआर में तापमान बढ़ने के कारणों पर किया अध्ययन, जानिए क्या कारण आए सामने
आईआईटी दिल्ली ने एक पेपर प्रकाशित किया है। इसमें वायुमंडलीय विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने दिल्ली-एनसीआर में तापमान बढ़ने के कारणों पर अध्ययन किया है। इसमें 1972 से 2014 के बीच दिल्ली के नक्शों के आधार पर पांच दशकों में भूमि उपयोग में परिवर्तन का विश्लेषण किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी महसूस की गई। इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ने के प्रमुख कारणों को जानने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) दिल्ली ने एक पेपर प्रकाशित किया है। इसमें वायुमंडलीय विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने दिल्ली-एनसीआर में तापमान बढ़ने के कारणों पर अध्ययन किया है। इस अध्ययन में 1972 से 2014 के बीच दिल्ली के नक्शों के आधार पर पिछले पांच दशकों में भूमि उपयोग में परिवर्तन का विश्लेषण किया गया है। जिसमें ये बात सामने आई कि इन पांच दशकों में भूमि का इस्तेमाल शहरीकरण के लिए बहुत बढ़ा है।
इन दशकों में लगातार कंक्रीटीकरण होना और जनसंख्या का घनत्व बढ़ना ही कुछ क्षेत्रों में अधिक तापमान बढ़ने का प्रमुख कारण है। अध्ययन में देखा गया कि शहर के कुछ हिस्सों में रात 1.30 बजे तक सतह और छत्र-स्तर के तापमान में 4-6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वहीं, दिन के समय लगभग 10.30 बजे का तापमान कम है। दिन के तापमान में दोपहर के 2.30 बजे 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
साथ ही ये भी देखा गया कि बढ़ते शहरीकरण के साथ, दिल्ली का लगभग 500 वर्ग किमी क्षेत्र में अब रात में 4-6 डिग्री सेल्सियस सीएलएचआई ( कैनोपी लेयर हीट आइलैंड इंटेंसिटी) का अनुभव कर रहा है। ये अनुभव कुछ ऐसा था जो 1970 के दशक में न के बराबर था। वहीं, दिल्ली के लगभग 23 वर्ग किमी घने एक क्षेत्र में सीएलएचआई पांच डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है।