IIT दिल्ली ने विकसित किया ग्रीन जनरेटर, जानिए कैसे लगेगी प्रदूषण पर लगाम
डा सुब्रमण्यम कहते हैं कि यदि हाइड्रोजन ईंधन के लिए ढांचागत सुविधा मुहैया कराया जाए तो भविष्य में बिजली उत्पादन के लिए डीजल जनरेटर को हाइड्रोजन जनरेटर में परिवर्तित किया जा सकता है। इससे वायु प्रदूषण से भी निपटा जा सकेगा।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) के शोधकर्ताओं ने ग्रीन जनरेटर बनाया है। हाइड्रोजन ईंधन वाले स्पार्क-इग्निशन इंजन जेनरेटर से वायु प्रदूषण नहीं होगा। आइआइटी ने पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है। आइआइटी ने बताया कि डीजल चालित जनरेेटर बिजली उत्पादन के दौरान कार्बन मोनोआक्साइड, हाइड्रोकार्बन, धुंआ, पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन के आक्साइड, और कार्बन डाइआक्साइड जैसी गैंसों का उत्सर्जन करते हैं। जो वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।
आइआइटी शोधकर्ताओं ने किर्लोस्कर आयल इंजन लिमिटेड और इंडियन आयल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के सहयोग से हाइड्रोजन ईंधन वाले स्पार्क-इग्निशन इंजन जेनरेटर का निर्माण किया है। जो हाईड्रोजन चालित है। इसके लिए समर्पित ल्यूब्रिकेंटर भी तैयार किया गया है। आइआइटी ने दावा किया कि यह जनरेटर बिना कार्बन उत्सर्जन बिजली उत्पादित करेगा।
सेंटर फार एनर्जी स्टडीज के प्रो डा के ए सुब्रमण्यम ने बताया कि चूंकि हाइड्रोजन में कार्बन नहीं होता है। इसलिए हाइड्रोजन ईंधन से कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता। नाइट्रोजन के आक्साइड के उत्सर्जन को विभिन्न तकनीक की मदद से निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है। उन्होने कहा कि हाइड्रोजन एक मूर्त उत्पाद के रूप में अमोनिया, रिफाइनरी सरीखी फैक्ट्रियों में आसानी से उपलब्ध है।
इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके पानी के रासायनिक विभाजन से भी हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकता है। बकौल के ए सुब्रमण्यम सरप्लस बिजली को इलेक्ट्रोलाइजर की मदद से हाइड्रोजन में परिवर्तित किया जा सकता है। बाद में यदि बिजली की मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है तो आइआइटी द्वारा ईजाद इंजन के जरिए हाइड्रोजन से बिजली उत्पादन किया जा सकेगा। यह तकनीक औद्योगिक इकाइयों के लिए काफी मददगार साबित होगी।
डा सुब्रमण्यम कहते हैं कि यदि हाइड्रोजन ईंधन के लिए ढांचागत सुविधा मुहैया कराया जाए तो भविष्य में बिजली उत्पादन के लिए डीजल जनरेटर को हाइड्रोजन जनरेटर में परिवर्तित किया जा सकता है। इससे वायु प्रदूषण से भी निपटा जा सकेगा। खासकर शहरी इलाकों में।