शोधार्थियों का मददगार बनेगा आइआइटी दिल्ली का सीआरएफ, जानें छात्र कैसे उठा सकते हैं लाभ
देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने एक सराहनीय पहल की है। आइआइटी दिल्ली ने 500 करोड़ की लागत से केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) शुरू की है। सीआरएफ की नींव 2011 में रखी गई थी।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने एक सराहनीय पहल की है। आइआइटी दिल्ली ने 500 करोड़ की लागत से केंद्रीय अनुसंधान सुविधा (सीआरएफ) शुरू की है। देश के किसी भी संस्थान के शोधार्थी अपना शोध कार्य पूरा करने के लिए इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सीआरएफ की नींव 2011 में रखी गई थी।
पंजीकरण के बाद उपयोग
आइआइटी दिल्ली ने शोधार्थियों की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए एक नई वेबसाइट तैयार की है। शोधार्थियों को सीआरएफ का लाभ उठाने के लिए https://crf.iitd.ac.in/ पर एक अकाउंट बनाना होगा। ईमेल, फोन नंबर समेत अन्य जानकारी प्रदान कर शोधार्थी अपना अकाउंट बना सकते हैं। एक बार अकाउंट बनने के बाद शोधार्थी अपने शोध के अनुसार प्रौद्योगिकी संबंधी सहूलियतों का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें अग्रिम बुकिंग करानी पड़ेगी।
50 से अधिक सुविधाएं
आइआइटी दिल्ली ने बताया कि शोधार्थी फिलहाल 50 से अधिक तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसमें थ्रीडी प्रिंटर, एटोमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (एएफएम), एटम प्रोब टोमोग्राफी, बायो एएफएम, सेल बायोलाजी लैब, एलिमेंटल एनालाइजर, माइक्रोरमन स्पेक्ट्रोस्कोप, लेजर कटिंग, लिक्विड नाइट्रोजन, स्क्विड मैग्नेटोमीटर, अल्ट्रामाइक्रोटामी आदि। वेबसाइट पर फैसिलिटी नामक लिंक पर क्लिक करते ही प्रदान की जा रही सुविधाओं की सूची खुल जाएगी। किसी भी सुविधा पर क्लिक करते ही उससे संबंधित जानकारी साझा की जाएगी। मसलन, इंस्ट्रूमेंट, शुल्क, किससे संपर्क करना है आदि।
निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने बताया कि वर्तमान में शोधार्थी करीब 50 सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। अगामी दो साल में शोधार्थी 100 से अधिक सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। आइआइटी परिसर में सीआरएफ की नई इमारत 2017 में बनकर तैयार हुई थी। भविष्य की जरुरतों काे ध्यान में रखते हुए सोनीपत में सीआरएफ की एक नई इमारत बनाई जा रही है जो 2022 तक बन जाएगी।
केंद्रीय अनुसंधान सुविधा के निदेशक प्रो. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि एक्स-रे फोटोमिशन स्पेक्ट्रोमीटर, हाइ रेजोल्यूशन ट्रांसमिशन इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप, मालिक्यूलर बीम एपिटैक्सी, यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन, इलेक्ट्रॉन पैरामैग्नेटिक रेजोनेंस जैसे कुछ आधुनिक उपकरण का लाभ शोधार्थी उठा सकते हैं।