आइआइटी ने छात्रों को दी घर जाने की सलाह, परिसर में दो हजार से अधिक छात्र मौजूद
आइआइटी ने छात्रों को सिर्फ सलाह दी है जिस पर अमल करने या नहीं करने के लिए छात्र स्वतंत्र है। आइआइटी दिल्ली किसी छात्र पर परिसर खाली करने के लिए दबाव नहीं डाल रहा। लेकिन यदि कोई छात्र जाना चाहता है तो जा सकता है।
नई दिल्ली [संजीव मिश्र]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने परिसर में रह रहे छात्रों को घर जाने की सलाह दी है। आइआइटी निदेशक प्रो वी रामगोपाल राव नेे बताया कि परिसर में करीब दो हजार छात्र रह रहे हैं। इनमें शोधार्थी, बीटेक समेत अन्य पाठ्यक्रमों के छात्र हैं। संक्रमण के खतरे के चलते ही आइआइटी दिल्ली ने परिसर वापसी का कार्यक्रम फिलहाल रोक दिया है। चूंकि कैंपस में आइसोलेशन सेंटर बनाने की इजाजत नहीं है, लिहाजा यदि कोई संक्रमित होता है तो उसे कोविड सेंटर भर्ती कराना पड़ता है।
संस्थान नहीं डाल रहा दबाव
आइआइटी ने छात्रों को सिर्फ सलाह दी है, जिस पर अमल करने या नहीं करने के लिए छात्र स्वतंत्र है। आइआइटी दिल्ली किसी छात्र पर परिसर खाली करने के लिए दबाव नहीं डाल रहा। लेकिन यदि कोई छात्र जाना चाहता है तो जा सकता है।
20 से 30 एक्टिव केस
निदेशक ने बताया कि कुछ समय पहले तक आइआइटी में एक्टिव केसों की संख्या महज पांच तक रहती थी। लेकिन इन दिनों यह 20 से 30 के बीच में है। इनमें छात्रों की संख्या कम है। कर्मचारी अधिक संक्रमित हुए है। यह भी देखने में आया है कि जब कोई कर्मचारी संक्रमित हो रहा है तो साथ-साथ पूरा परिवार भी संक्रमित हुआ। ऐसे में परिजनों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
कई छात्रों की रिपोर्ट पाजिटिव
हालांकि डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार गांगुली ने छात्रों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि शुक्रवार को कई छात्रों की रिपोर्ट पाजिटिव आयी। मेस के कई कर्मचारियों ने तबियत बिगड़ने की शिकायत की है। आइआइटी के ही एक पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हालात काफी खराब है। अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं मिल नहीं पा रही है। छात्र भी इसे लेकर काफी परेशान है। कई छात्रों ने घर जाने की गुजारिश भी की थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।