व्यवसायिक वाहन के साथ दिल्ली में करना है प्रवेश तो पढ़ लें ये खबर, बिना टैग के नहीं मिलेगी इंट्री
राजधानी में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहन बिना रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग के प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं टैग होने की स्थिति में अगर टैग रिचार्ज नहीं है तो भी प्रवेश नहीं मिलेगा। इस संबंध में दक्षिणी निगम ने सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश के लिए 124 टोल नाके बनाए गए हैं। पहले चरण में 13 टोल नाकों को वर्ष 2019 में आएफआइडी तकनीक से लैस किया गया था। इसके बाद दूसरे चरण में 111 टोल नाकों पर आएफआइडी से व्यावसायिक वाहनों को प्रवेश देने की व्यवस्था है। यहां पर हैंडेड डिवाइस के माध्यम से टैग को स्कैन किया जाता है।
इस समय पांच लाख दो हजार 323 व्यावसायिक वाहन चालकों ने यह टैग ले रखा है, लेकिन देखने में आता है कि बहुत से ऐसे वाहन प्रवेश करते हैं जिनके पास टैग नहीं होता। यदि टैग होता भी है उसमें प्रवेश के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती। जिसकी वजह से नकद ही टोल वसूलना पड़ता है। निगम ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है एक जुलाई से कि पर्यावरण क्षति पूर्ति शुल्क और टोल व्यावसायिक वाहनों से आरएफआइडी से ही वसूला जाएगा।
कहां से मिलेगा आएफआइडी टैग
टोल नाका आया नगर, बदरपुर, टीकरी, केजीटी, डीएनडी, कालिंदी कुंज, गाजीपुर मैन, लोनी मैन, न्यू कौंडली, मंडोली मैन, लामपुर, सोनिया विहार, पालम विहार, ढांसा मैन, ओल्ड शाहदरा
कैसे होगा रिचार्ज
निगम ने पीओएस मशीन के माध्यम से 39 टोल नाकों पर आरएफआइडी देने और रिचार्ज करने की व्यवस्था भी कर रही है। वहीं, अगर वाहन चालक आनलाइन रिचार्ज करना चाहते हैं तो निगम की वेबसाइट https://ecctagsdmc.com/ के माध्यम से भी रिचार्ज कर सकते हैं।
800 करोड़ की होती है निगम को आय
व्यावसायिक वाहनों को प्रवेश से निगम को प्रत्येक वर्ष करीब 800 करोड़ की आमदनी होती है। पहले यह राशि 1200 करोड़ थी। लेकिन जिस एमईपी कंपनी को निगम ने यह ठेका दिया था उससे वित्तीय विवादों के चलते निगम ने अब सर्वकार कंपनी को यह कार्य सौंप रखा है। जिसको निविदा प्रक्रिया के माध्यम से 800 करोड़ रुपये का वार्षिक ठेका दिया गया है। यह राशि दिल्ली के तीनों निगम पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी में वितरित की जाती है।