IGI एयरपोर्ट पर यात्री में संक्रमण की पुष्टि हुई तो जानिए कितने दिनों तक काटना पड़ेगा इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नए सर्कुलर के मुताबिक अब दक्षिण अफ्रीका बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों को तब तक आइजीआइ एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नए सर्कुलर के मुताबिक अब दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग से आने वाले यात्रियों को तब तक आइजीआइ एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा, जब तक उनकी आरटीपीसीआरजांच के नतीजे नहीं आ जाते हैं।
नतीजा नेगेटिव आने पर उन्हें सात दिनों के लिए होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा। नतीजे में संक्रमण की पुष्टि हुई तो यात्री को चिकित्सक की देखरेख में इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन में दस दिनों के लिए रहना होगा। इसके अलावा पाजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग भी अनिवार्य रूप से की जाएगी। जो यात्री पिछले 15 दिनों में दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना व हांगकांग से आए हैं, अब प्रशासन उनकी जानकारी जुटाकर एक बार फिर से उनकी आरटीपीसीआर जांच करेगा।
एयरपोर्ट पर की गई है पर्याप्त व्यवस्था
एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना व हांगकांग से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, ताकि ये अन्य यात्रियों के संपर्क में नहीं आएं। यात्रियों को यहां जांच के नतीजे आने तक रुकना होगा, ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं हो। जांच जल्द से जल्द आए, इस बात की भी कोशिश की जा रही है। अभी तक क्या हो रहा था अभी तक 12 देशों को लेकर विशेष एहतियात बरता जा रहा था, इनमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल शामिल है।
इन देशों से आने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच के बाद सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होता था। रिपोर्ट पाजीटिव आने पर नजदीकी डिस्पेंसरी पर इलाज कराया जाता था, हालांकि इस दौरान कोई पाजीटिव केस नहीं आया।