हो गए हैं कोरोना संक्रमित तो घबराएं नहीं, मन में रखें विश्वास, जीत जाएंगे हम, पढ़ लें ये खबर
राजधानी में इन दिनों तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है जिससे काफी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। ऐसे में बीमारी से ग्रसित लोग अब इससे घबराने लगे हैं। आरएमएल अस्पताल व फाउंडर फेमा एसोसिएशन के डाक्टर मनीष जांगड़ा का कहना है कि मरीजों को बिल्कुल भी नहीं घबराना चाहिए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में इन दिनों तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, जिससे काफी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। ऐसे में बीमारी से ग्रसित लोग अब इससे घबराने लगे हैं। आरएमएल अस्पताल व फाउंडर फेमा एसोसिएशन के डाक्टर मनीष जांगड़ा का कहना है कि मरीजों को बिल्कुल भी नहीं घबराना चाहिए। उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि कोरोना से जंग जीतने वाले मरीजों की संख्या कई गुणा अधिक है। ऐसे में लोगों को बस सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं, लक्षण लगने पर लोगों को घबराना नहीं चाहिए। उन्हें अपने नजदीकी सेंटर पर जाकर अपनी जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को इन दिनों बिलकुल भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
हौसला और संयम बनाएं रखें
कोरोना संक्रमित होने पर घबराने की नहीं बल्कि हौसला और संयम रखने की जरूरत है। संक्रमित होने के बाद पूरी तरह सकारात्मक रहें। इससे बढ़कर कोई दवा नहीं है। बीमारी घातक है, पर इसकी चपेट में आने पर संयम रखा जाए तो जल्द काबू पाया जा सकता है। कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक होने वाले लोगों की भी लोगों का यही संदेश है कि मास्क पहने बिना किसी भी सूरत में घर से ना निकले। लापरवाही बरतने पर ही कोरोना संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है। यह कहना है कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों का।
अस्पताल में बेड नहीं और आक्सीजन की कमी
आज अस्पताल में जगह कम पड़ रही है। आक्सीजन की कमी हो रही है। लोगों को दवाइयां नहीं मिल रही। इन सब का कारण लोगों में संक्रमित होने के बाद घबराहट है। संक्रमित होने के बाद नियमित रूप से दवाइयां लेकर घर पर ही आराम करने की जरूरत है। केवल उन लोगों को ही इसमें ज्यादा दिक्कत है, जो पहले से किसी भयंकर बीमारी से पीड़ित हैं।
मन में नकारात्मक सोच को न बनाने दें जगह
बीमारी में परिवार के लोगों ने भी पूरा हौसला दिया। इस दौरान मन में किसी प्रकार की नकारात्मक सोच पैदा नहीं होने दें। सोशल मीडिया पर जो कोरोना को लेकर लोग तरह-तरह की भ्रांतियां फैला रहे हैं। उन भ्रांतियों और नकारात्मक खबरों से दूर रहें। एक महीने तक तो किसी भी सूरत में घर से ना निकले। अगर मजबूरी में घर से निकलना भी पड़े तो मास्क और हाथों में दस्ताने जरूर पहन लें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर तो बिल्कुल ना जाएं। मास्क ही इस बीमारी से बचने की सबसे बड़ी दवा है। मन को एकाग्र रखना चाहिए और अच्छे विचार मन में लाने चाहिए। घरवालों को भी मरीज की हिम्मत बढ़ाते रहना चाहिए। ये नहीं कि परिवार में कोई पाजिटिव हो गया है तो उसे अकेला छोड़कर अपनी जिम्मेदारी से भागें। सावधानी रखकर मरीज की सेवा करें। उसकी हिम्मत बढ़ाते रहें। सब ठीक हो जाएगा। खाने पीने का पूरा ध्यान रखे।
ये सावधानी बरतनी जरूरी
संक्रमित व्यक्ति को खाने से पहले साबुन से कई बार अपने हाथ धोने होंगे। व्यक्ति के बर्तन और निजी सामान दूसरे सदस्यों से बिल्कुल अलग होने चाहिए। बीड़ी, सिगरेट और गुटखे का सेवन नहीं करना चाहिए। उसके कमरे में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति कमरे में जाता है तो उसे संबंधित व्यक्ति से छह फीट की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति का घर में अलग से शौचालय होना जरूरी है। उसकी किसी भी वस्तु या सामान को परिवार के दूसरे सदस्य को नहीं छूना चाहिए। बिजली के स्विच, दरवाजे के हैंडल को बार-बार सैनिटाइज करना चाहिए।
इसका रखें ध्यान
- हर बुखार कोरोना नहीं है, घबराएं नहीं
- बुखार होने पर जरूर जांच करवाएं कराएं
- ठंड से बुखार होने पर हो सकता है मलेरिया
- हवा में भी कोरोना फैलने का खतरा है तो हर जगह मास्क पहनें
- सार्वजनिक स्थानों पर अकेले होने पर न उतारें मास्क, न वस्तुओं को छुएं
- कोरोना के हल्के लक्षण होने पर न घबराएं
- आक्सीजन मीटर का प्रयोग करें, आक्सीजन का स्तर गिरने पर अस्पताल में जाएं
- संक्रमण को रोकने के लिए बाहर से आने पर जरूर नहाएं।
- कोरोना में भूलकर भी न करें धूमपान
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी की दवा भी खा सकते हैं।