आइएएस अफसरों ने बदला रूप अब पीपीई किट पहनकर पहुंच रहे अस्पताल के कोरोना वार्ड, जानिए कारण

दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों उपचार में लापरवाही की लगातार आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई है। सभी 11 जिलों में तैनात एसडीएम और अन्य अफसरों को उनके जिले से बाहर भेजा जा रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 12:36 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 12:36 PM (IST)
आइएएस अफसरों ने बदला रूप अब पीपीई किट पहनकर पहुंच रहे अस्पताल के कोरोना वार्ड, जानिए कारण
मरीजों से ले रहे उपचार से जुड़ी हर जानकारी, हर परेशानी पर बरत रहे सख्ती।

नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों उपचार में लापरवाही की लगातार आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी अस्पतालों में लगाई है। सभी 11 जिलों में तैनात एसडीएम और अन्य अफसरों को उनके जिले से बाहर भेजा जा रहा है, जहां वह अस्पताल में मरीजों के उपचार पर निगरानी कर रहे है। इस बीच वह खुद पीपीई किट पहनकर मरीजों के वार्ड तक पहुंच रहे हैं।

नई दिल्ली के एसडीएम डा. नितिन शाक्या ने बताया कि इन दिनों उनकी ड्यूटी उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में लगी है। इसके अलावा मध्य जिले में तैनात कई अन्य अफसरों की भी दूसरे जिले में ड्यूटी लगाई गई है, जो रोजाना की रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे रहे हैं।

अपने मोबाइल से मरीजों के स्वजन से बात कराते डाक्टर

नितिन बताते हैं कि जब वे मरीजों के बीच पहुंचते हैं तो मरीज अपनों से बात करने की गुजारिश करने लगते हैं। ऐसे में बाहर बैठे तीमारदारों से वह खुद अपने मोबाइल से वीडियो काल कर बात कराते हैं, जिससे मरीजों के चेहरे पर एक रौनक देखने को मिलती है। इससे मरीज काफी खुश होते हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के लोग भी अंदर भर्ती मरीजों का हालचाल जानने के लिए व्याकुल रहते हैं।

उधर राजधानी में रविवार को कोरोना के 13,336 नए मरीज मिले, जो पिछले 27 दिन में सबसे कम हैं। इससे पहले 12 अप्रैल को 11,491 मामले आए थे, लेकिन उस वक्त 92,397 सैंपल की जांच हुई थी और संक्रमण दर 12.44 फीसद थी। इसके मुकाबले 24 घंटे में 33.38 फीसद सैंपल की जांच कम हुई।

इससे मामले अचानक बहुत ज्यादा कम हुए हैं। हालांकि, संक्रमण दर 23.34 फीसद से घटकर 21.67 फीसद हो गई है फिर भी अभी स्थिति नियंत्रित नहीं कही जा सकती। यह बात जरूर है कि 18 दिन पहले संक्रमण दर 36.26 फीसद पहुंच गई थी। पिछले दिनों के मुकाबले मौत के मामलों में भी कमी आई है। 24 घंटे में 273 मरीजों की मौत हुई है। वहीं 14,738 मरीज ठीक हुए हैं।

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