दिल्ली में सिरसपुर में मिला सैकड़ों टन सड़ा हुआ अनाज, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का आरोप

रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता व उत्तर-पश्चिमी जिला भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी सिरसपुर स्थित दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) के गोदाम पहुंचे जहां सैकड़ों टन सड़ा हुआ अनाज मिला।गुप्ता ने कहा कि सड़ रहे राशन के मामले की जांच करने के बजाय दिल्ली सरकार मामले को दबाने के लिए

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:58 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:58 AM (IST)
दिल्ली में सिरसपुर में मिला सैकड़ों टन सड़ा हुआ अनाज, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का आरोप
सिरसपुर के सरकारी गोदाम में मिला सैकड़ों टन सड़ा अनाज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली के निगम स्कूलों में सड़ रहे अनाज का मामला दैनिक जागरण द्वारा उजागर किए जाने के बाद भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कई स्कूलों का दौरा किया था, जहां हजारों टन अनाज सड़ने की बात सामने आई थी। शनिवार को रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता व उत्तर-पश्चिमी जिला भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी सिरसपुर स्थित दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) के गोदाम पहुंचे, जहां सैकड़ों टन सड़ा हुआ अनाज मिला। दोनों नेताओं के अनुसार यह अनाज पिछले वर्ष लाकडाउन में बांटने के लिए स्कूलों में बनाए गए राशन वितरण केंद्रों में भेजा गया था, जिसे जरूरतमंदों में बांटा ही नहीं गया। इसे अब विभिन्न स्कूलों से लाकर इस गोदाम में रखा जा रहा है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सड़ रहे राशन के मामले की जांच करने के बजाय दिल्ली सरकार मामले को दबाने के लिए सड़ा हुआ राशन गोदामों में छिपा रही है। इस पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका।

बता दें कि अनाज की बर्बादी के मामले में उपराज्यपाल अनिल बैजल भी मुख्य सचिव को जांच का आदेश दे चुके हैं।विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि गोदाम में सैकड़ों टन सड़ा हुआ गेहूं, चावल, चना, दाल, तेल, चीनी आदि सामान पड़ा हुआ है। राशन मायापुरी के प्रतिभा विकास विद्यालय समेत कई स्कूलों से यहां लाया जा रहा है। शनिवार को भी करीब पांच टेंपो में राशन यहां लाया गया। यह किट वही है जो कोरोना की पहली लहर के दौरान जरूरतमंद लोगों को बांटने के लिए थी। इस पर मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल की फोटो भी लगी हुई है।

250 करोड़ रुपये की खरीदी गई थी खाद्य सामग्री

विधायक गुप्ता ने कहा कि पिछले साल बिना राशन कार्ड वाले कामगारों को राहत पहुंचाने के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये खर्च कर गेहूं, चावल, तेल, दाल, मसाले, चीनी इत्यादि को दिल्ली सरकार द्वारा बाजार भाव पर खरीदा गया था। इनका भंडारण दिल्ली के स्कूलों तथा कुछ अन्य स्थानों पर किया गया था। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए विधायकों के माध्यम से उनके हस्ताक्षर से 2500 कूपन बांटे जाने थे। इनमें से 2000 कूपन चार किलो गेहूं व एक किलो चावल के और 500 किट के कूपन अलग थे, जिनमें तेल, चीनी, दाल, साबुन आदि विधायक के हस्ताक्षर के आधार पर बांटे जाने थे, लेकिन विधायकों ने इसका वितरण ही नहीं किया, जिसकी वजह से यह राशन अब सड़ चुका है।

बांटने के लिए खरीदी गई थी एक्सपायर खाद्य सामग्री

देवेंद्र सोलंकी ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से सैकड़ों टन सड़ा हुआ राशन ट्रकों में भरकर इन गोदामों में पहुंचाया जा रहा है। इनमें राशन किट के खाद्य तेल इत्यादि एक वर्ष पहले एक्सपायर हो चुके हैं। किसी चीज पर एक्सपायरी की तारीख मार्च 2020 तो किसी पर अप्रैल 2020 लिखी हुई है। इसका मतलब यह है कि गरीबों को बांटने के लिए एक्सपायर हो चुकी सामग्री ही खरीदी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि गोदाम में हजारों खाद्य किट ऐसी भी पड़ी थीं, जिनमें से एक किलोग्राम रिफाइंड तेल, चीनी, चना आदि के पैकेट गायब हैं।

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