अतिथि शिक्षकों से वसूली गई मोटी रकम अब तक नहीं हुई वापस

आर्थिक तंगी से गुजर रहे अतिथि शिक्षकों ने बताया कि उनको आठ मई तक ही वेतन मिला है दूसरी ओर पिछले साल जो वेतन सीटीइटी की वैद्यता खत्म बता कर वसूला गया था वो भी वापस नहीं हुआ है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 08:34 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 08:34 PM (IST)
अतिथि शिक्षकों से वसूली गई मोटी रकम अब तक नहीं हुई वापस
अतिथि शिक्षकों से वसूली गई मोटी रकम अब तक नहीं हुई वापस

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। राजधानी दिल्ली में अतिथि शिक्षकों के साथ मनमाने तरीके से वसूला गया वेतन अब तक वापस नहीं मिला है। सात साल से अधिक समय से सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों को पिछले साल स्कूलों की तरफ से केंद्रीय शिक्षक पात्रता (सीटीइटी) की वैद्यता खत्म होने की नोटिस थमा कर कई-कई हजार रुपयों की वसूली ली गई थी। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि एक साल होने को है और अब तक वसूले गए वेतन की वापसी नहीं हुई है। कोरोना संक्रमण में आर्थिक तंगी से गुजर रहे अतिथि शिक्षकों ने बताया कि उनको आठ मई तक ही वेतन मिला है दूसरी ओर पिछले साल जो वेतन सीटीइटी की वैद्यता खत्म बता कर वसूला गया था वो भी वापस नहीं हुआ है। 

वेतन पर प्रधानाचार्य द्वारा लगी रोक

वहीं, कुछ अतिथि शिक्षक ऐसे भी हैं जिनका वेतन प्रधानाचार्यो द्वारा रोक दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाचार्यों ने इस वर्ष भी वेतन रोकने में सीटीइटी वैद्यता खत्म होने का हवाला दिया है। करावल नगर स्थित आलोक कुंज विद्यालय में कार्यरत एक शिक्षिका ने बताया कि प्रधानाचार्या ने पिछले साल मार्च और अप्रैल माह में मिले वेतन से 14 हजार वसूल लिए थे जो कि अभी तक वापस नही किए गए हैं। जब उन्होंने प्रधानाचार्या से इस संबंध में बात की तो उनके मुताबिक प्रधानाचार्या ने बताया कि अतिरिक्त वेतन वापसी के ऊपर से आदेश है।

सीटीइटी वैद्यता खत्‍म होने का हवाला देकर वसूली राशि

वहीं, सीलमपुर स्थित गवर्नमेंट ब्वायज सीनियर सेकेंड्री स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक ने बताया कि उनसे साल 2019 में प्रधानाचार्य ने सीटीइटी वैद्यता खत्म होने का हवाला देकर जुलाई और अगस्त माह की 17 हजार रकम वसूल ली। उन्होंने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने वसूली गई रकम के संबंध में उप शिक्षा निदेशक की तरफ से जारी मेल का हवाला दिया है। जब उन्होंने इस संबंध में शिक्षा विभाग से जानकारी ली तो पता चला इस संबंध में कोई आदेश नहीं जारी किए गए हैं।

प्रधानाचार्य पर लगा परेशान करने का आरोप

अॉल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने कहा कि सात साल की सीटीइटी की वैधता सिर्फ आवेदन करने के लिए होती है। नौकरी में आने के बाद सीटीइटी की वैधता की जरूरत नहीं होती है। प्रधानाचार्य जानबूझकर कर अतिथि शिक्षकों को परेशान करते है और इस तरह के मनमाने आदेश खुद से बनाकर अतिथि शिक्षकों पर थोपते हैं। इस मामले में तत्काल कार्रवाई कर अतिथि शिक्षकों से वसूला गया वेतन वापस होना चाहिए।

नहीं जारी किया आदेश

अतिथि शिक्षकों की नौकरी में आने के सात साल बाद सीटीइटी की वैद्यता खत्म कर वेतन वसूली के कोई आदेश शिक्षा निदेशालय की तरफ से नहीं जारी किए गए हैं। अगर यह नोटिस उप शिक्षा निदेशकों की तरफ से जारी किए गए हैं तो वो बिना अनुमति के भेजे गए हैं। अतिथि शिक्षकों से कोई वेतन नहीं लिया जाएगा।

बिनय भूषण, शिक्षा निदेशक

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