प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध में कैसे सफल हो पाएगा दक्षिणी निगम, जानिए क्या है प्रमुख समस्या?

निगम भी अपने कर्मचारियों (सेना) के साथ मैदान में उतर चुका है लेकिन समस्या यह है कि सेना के 40 फीसद वाहनों के लिए कर्मचारियों (सारथी) ही नहीं हैं। ऐसे में युद्ध शुरू होने से पहले ही इस पर जीत को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 01:39 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:39 PM (IST)
प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध में कैसे सफल हो पाएगा दक्षिणी निगम, जानिए क्या है प्रमुख समस्या?
राजधानी में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छिड़ चुका है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सर्दी की दस्तक के साथ ही राजधानी में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छिड़ चुका है। निगम भी अपने कर्मचारियों (सेना) के साथ मैदान में उतर चुका है, लेकिन समस्या यह है कि सेना के 40 फीसद वाहनों के लिए कर्मचारियों (सारथी) ही नहीं हैं। ऐसे में युद्ध शुरू होने से पहले ही इस पर जीत को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं दो माह से लगातार निगम के नेता स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है।

दरअसल, दक्षिणी निगम प्रदूषण को कम करने के लिए मैकेनिकल स्वीपर से लेकर, पानी के छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर, मलबा उठाने के लिए वाहन चलाता है। इसके लिए निगम को 150 वाहन चालकों की जरुरत हैं, लेकिन 40 फीसद वाहन चालकों की निगम के पास कमी है। इसकी वजह से दक्षिणी निगम क्षेत्र में प्रदूषण के विरुद्ध युद्ध में सफल साबित नहीं हो रहा है। 15 अक्टूबर से राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो गया है। इसके बाद सभी एजेंसियों को प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने हैं।

लाजिंग व बोर्डिग व गेस्ट में रसोईघर और डाइनिंग हाल का प्रस्ताव निरस्त

दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने लाजिंग-बोर्डिग व गेस्ट हाउस में रसोईघर व डाइनिंग हाल की अनुमति देने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। अगर निगम इन प्रस्ताव को अनुमति दे देता तो ऐसे लाजिंग-बोर्डिग और गेस्ट हाउस में अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती। स्थायी समिति के चेयरमैन के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया था कि मास्टर प्लान 2021 में ऐसा प्रविधान है तो फिर इस प्रस्ताव को पारित करने की आवश्यकता नहीं थी। इसलिए इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है।

हर वार्ड में मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं

दक्षिणी निगम के प्रत्येक वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए निगम उन वार्डो में स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू करेगा, जहां पर एक भी डिस्पेंसरी व अस्पताल नहीं है। जो खाली इमारतें हैं, निगम उन्हीं को इसके लिए तैयार करेगा। प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े कार्यो में लगे वाहनों के लिए चालकों की है कमी, दो माह से स्थायी समिति में उठाया जा रहा है मुद्दा वाहन चालकों क कमी के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। अब एजेंसी के माध्यम से वाहन चालकों की नियुक्ति की जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। समस्या का जब तक स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक उपलब्ध वाहन चालकों से ही काम चलाया जा रहा है।

इस बार दीपावली तक पेंशन मिलना मुश्किल

दीपावली पर पेंशन का इंतजार कर रहे 42 हजार लोगों को इस बार निराशा हाथ लग सकती है। दरअसल, दो माह से पेंशन लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, जो अभी पूरी नहीं हो सकी है। आलम यह है कि जिस जोन में 10-12 हजार पेंशन लाभार्थी हैं। वहां पर अभी 300 से 400 लाभार्थियों का ही सत्यापन हुआ है। स्थायी समिति की बैठक में पार्षदों ने सत्यापन की सुस्त प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े करते हुए पेंशन जल्द दिए जाने की मांग की है।

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