Weather Monsoon 2021: स्काईमेट वेदर ने जारी किया पूर्वानुमान, दक्षिणी पश्चिमी भारत में 103% बारिश होने के आसार
Delhi Weather and Rain Update स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) इस साल यानी मानसून 2021 के लिए पहला पूर्वानुमान जारी करने के साथ यह भी बताएगा कि कैसा रहेगी इस साल बारिश और सामने पूरा आंकलन पेश करेगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे देशभर में इस साल मानसून कैसा रहेगा? बारिश सामान्य रहेगा या कम? इसको लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से पहले स्काईमेट वेदर ने इस साल के मानसून के बारे में जानकारी दे दी है। स्काईमेट वेदर द्वारा 2021 के मानसून के लिए जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि दक्षिणी पश्चिमी भारत में इस बार जून से सितंबर महीने तक 103 फीसद बारिश होने के आसार हैं। इस साल मानसून के सामान्य से बेहतर ही रहने का अनुमान जताया गया है।
यहां पर बता दें कि मौसम का सटीक पूर्वानुमान प्राकृतिक आपदाओं में मसल, अत्यधिक वर्षा, ओलावृष्टि, हीट वेव, शीत लहर आदि से फसलों को बचाने में मददगार साबित होता है। खासकर इससे किसान अपनी फसल के प्रति अधिक सचेत रहते हैं और आने वाली मुसीबत का योजनाबद्ध तरीके से सामना करते हैं। इसके साथ ही मौसम का पूर्वानुमान केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों को भी सूखे, बाढ़ और अनियमित बारिश आदि के मामले में कृषि संबंधी किसी भी नीति को तैयार करने में मदद कर सकता है।
वहीं, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विशेषज्ञों के साथ आनलाइन राउंड टेबल कान्फ्रेंस की। इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि सितंबर से वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है, लेकिन तब तक इंतजार नहीं कर सकते। पूरे साल वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विशेषज्ञों की मदद से दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाना चाहते हैं। इस दौरान राय ने कहा कि कई रिपोर्ट बता रहीं हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण कम हो रहा है, लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है।
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दिल्ली सचिवालय में 2021 की सर्दियों की शुरुआत से पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उपायों पर शुरू हुई इस दो दिवसीय कान्फ्रेंस का सोमवार को पहला दिन था। कान्फ्रेंस में धूल प्रदूषण, वाहन प्रदूषण और इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान एनजीओ और विशेषज्ञों ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए।
मुख्य वक्ताओं में सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी, आइआइटी कानपुर के डा. मुकेश शर्मा, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के गुफरान बेग, आइएल एंड एफएस के दीपक अग्रवाल, पर्यावरण रक्षा कोष के पार्थ बसु, शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान के सिद्धार्थ विरमानी, क्लीन योर कलेक्टिव के ब्रिकाश सिंह और राकी माउंटेन इंस्टीट्यूट से अक्षिमा घरे शामिल थे।
विशेषज्ञों ने दिए अपने सुझाव
गोपाल राय ने कहा कि कांफ्रेंस में कई विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए हैं। विशेषज्ञों से प्रेजेंटेशन भी मांगा गया है, ताकि उसका अध्ययन किया जा सके। मंगलवार भी इस संबंध में आनलाइन राउंड टेबल कान्फ्रेंस होगी। इसके बाद कान्फ्रेंस में मिले सुझावों को लेकर आगे बढ़ेंगे।
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