तीन महीने से गायब किशोरी को ढूंढ़ने के प्रति दिल्ली पुलिस की ये कैसे संवेदनशीलता: हाई कोर्ट

तीन महीने से गायब 16 वर्षीय किशोरी के मामले की जांच को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। पीठ ने पूछा कि तीन महीने से गायब किशोरी को ढूंढ़ने के प्रति पुलिस की ये कैसी संवेदनशीलता है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:05 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:32 AM (IST)
तीन महीने से गायब किशोरी को ढूंढ़ने के प्रति दिल्ली पुलिस की ये कैसे संवेदनशीलता: हाई कोर्ट
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर उठाए सवाल

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। तीन महीने से गायब 16 वर्षीय किशोरी के मामले की जांच को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है। न्यायमूर्ति नवीन चावला व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने पूछा कि तीन महीने से गायब किशोरी को ढूंढ़ने के प्रति पुलिस की ये कैसी संवेदनशीलता है। पीठ ने पूछा कि जिस अपहर्ता पर किशोरी को लेकर जाने का आरोप है उससे क्या पूछताछ हुई। दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता संजय लाऊ ने कहा कि इस संबंध में जानकारी लेकर अगली सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करेंगे। उन्होंने अदालत से कहा कि सुनवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह तक के लिए स्थगित की जाये ताकि वे स्थिति रिपोर्ट पेश कर सकें।

पीठ ने इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए पूछा कि तीन महीने से लापता किशोरी के मामले की जांच करने का ये पुलिस का तरीका है। संभव है कि किशोरी मानव तस्करी का शिकार हुई हो, आखिर पुलिस इस मामले की जांच कैसे कर रही है।

संजय लाऊ ने कहा कि अगर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक किशोरी का पता नहीं लगा तो मामले को एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग ब्रांच को सौंप दिया जाएगा। इस पर पीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि 17 जून को मामले की स्थिति रिपोर्ट पेश करें। साथ ही लापता किशोरी की तलाश कर उसे भी अदालत के समक्ष पेश करें।

सुनवाई के दौरान किशाेरी की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता मनिका त्रिपाठी पांडे ने कहा कि उत्तरी दिल्ली निवासी किशोरी 17 मार्च को स्कूल के लिए निकली थी। इसके बाद से किशोरी लापता है। इस संबंध में शिकायत दी गई थी, लेकिन अब तक किशोरी का पता नहीं चल सका। उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को जब पुलिस ने एक आरोपित से पूछताछ की थी तब उसने बताया था कि दो से तीन दिन में किशोरी वापस आ जाएगी।

उन्होंने कहा कि इससे यह साबित होता है कि आरोपित को पता था कि किशोरी कहां है, लेकिन पुलिस ने इस मामले में अब तक कुछ नहीं किया। वहीं, पुलिस की तरफ से अधिवक्ता संजय लाऊ ने कहा कि इस मामले में दो आरोपितों से पूछताछ की गई थी, लेकिन कुछ जानकारी नहीं मिली।

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