रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कैसे की जा रही ठगी, पढ़िए कैब चालक को ठगे जाने की कहानी

रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक कैब चालक से दो लोगों ने 5.17 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपित को रेलवे स्टेशन पर बुलाकर फर्जी प्रशिक्षण भी दिला रहे थे। कभी रेल भवन तो कभी अन्य राज्यों में स्थित रेलवे के बड़े कार्यालयों में बुलाते थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 03:07 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 03:07 PM (IST)
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कैसे की जा रही ठगी, पढ़िए कैब चालक को ठगे जाने की कहानी
संसद मार्ग थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक कैब चालक से दो लोगों ने 5.17 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपित पीड़ित को झांसे में लाने के लिए रेलवे स्टेशन पर बुलाकर फर्जी प्रशिक्षण भी दिला रहे थे। इसके साथ कभी रेल भवन तो कभी अन्य राज्यों में स्थित रेलवे के बड़े कार्यालयों में बुलाते थे। इस दौरान पीडि़त से आरोपितों ने रुपये लिए। पीड़ित की शिकायत पर संसद मार्ग थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी हैं।

जानकारी के अनुसार, नरेला इलाके में रहने वाले राजेश कुमार कैब चलाते हैं। उन्होंने बताया कि करीब छह महीने पहले एक व्यक्ति का फोन आया। उसने बताया कि छह लाख रुपये में रेलवे में टीसी की नौकरी दिलवा देगा। तीन लाख रुपये पहले देना होगा बाकी नौकरी लगने के बाद देना होगा। उस व्यक्ति ने यह भी बताया कि इसके लिए उसे रेल भवन जाना होगा। गत वर्ष 10 सितंबर को वह रेल भवन पहुंचे। वहां पर अनिरुद्ध जैन नाम व्यक्ति से मिले जिसने खुद को रेलवे में बड़ा अधिकारी होना बताया। उसने 20 हजार रुपये नकद लिए इसके बाद उसने कहा कि पांच-छह दिन बाद उसे नियुक्ति पत्र मिल जाएगा।

जब नियुक्ति पत्र आया तो अनिरुद्ध 50 हजार रुपये और मांगे और कहा कि उसे बिहार के दानापुर स्थित रेलवे के कार्यालय जाना होगा। राजेश पैसे देकर बिहार के लिए निकल गए। वहां पर लव सिंह नाम का व्यक्ति मिला उसने राजेश को रेलवे कार्यालय में इधर उधर घुमाने के बाद एक ईएसआइ अस्पताल लेकर जहां पर उनका फर्जी मेडिकल कराने के नाम पर पैसे लिए गए। इसके बाद दिल्ली में राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर बुलाकर फर्जी प्रशिक्षण भी दिया। कुछ दिन बाद आरोपितों ने उन्हें आइडी कार्ड, नियुक्ति पत्र, मेडिकल सर्टिफिकेट देकर कहा कि नौकरी लग चुकी है। जब उन्होंने रेलवे से पता किया तो सब फर्जी निकला।

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