करोलबाग अग्‍निकांड : आपातकालीन निकास द्वार पर लगा था ताला!

होटल अर्पित पैलेस में आपातकालीन द्वार तो है, लेकिन उस पर ताला लगा हुआ था। इससे अग्निशमन विभाग को ताला तोड़ने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। उसके बाद बचाव कार्य जारी हुआ।

By Edited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 08:47 AM (IST)
करोलबाग अग्‍निकांड : आपातकालीन निकास द्वार पर लगा था ताला!
करोलबाग अग्‍निकांड : आपातकालीन निकास द्वार पर लगा था ताला!

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। करोल बाग अग्निकांड ने सभी का दिल दहला दिया है। इस घटना के बाद कई तरह की खामियां एक-एक कर सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, होटल अर्पित पैलेस में आपातकालीन द्वार तो है, लेकिन उस पर ताला लगा हुआ था।

इससे अग्निशमन विभाग को ताला तोड़ने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। उसके बाद ही टीम आपातकालीन द्वार से होटल में प्रवेश कर पाई। इधर से भी कुछ लोगों को बचाकर निकाला गया। होटल के पीछे का दरवाजा एक संकरी गली में खुलता है।

इस गली का उपयोग आमजन नहीं करते हैं। इस कारण यहां के होटल वालों ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है। किसी होटल के कूड़ेदान इस गली में रखे हैं तो किसी की भवन निर्माण सामग्री। इतना ही नहीं, कई होटल वालों ने इस गली में लोहे के गेट तक लगा दिए हैं।

वैसे माना जा रहा है होटल संचालक ने चोरी होने के डर से आपातकालीन द्वार पर ताला लगा रखा था।  होटल अर्पित पैलेस को अग्निशमन विभाग से एनओसी मिला हुआ था। ऐसे में सवाल है कि फायर फाइटिंग सिस्टम ने काम क्यों नहीं किया? यदि इसने काम किया होता तो हल्की आग पर ही होटल में अलार्म बजना शुरू हो जाता।

जबकि, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने आग लगने के बाद केवल लोगों की चीख-पुकार ही सुनी थी। अलार्म की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दी। शुरू में तो शोर होने पर लोगों ने समझा था कि झगड़ा वगैरह हो रहा, इसलिए नजरअंदाज कर दिया था।

केरल से आए एक परिवार के 13 सदस्यों में से तीन की मौत

केरल से आए एक परिवार के 13 सदस्यों में से तीन की मौत अर्पित होटल में जलकर हो गई। इनका शव राम मनोहर लोहिया अस्पताल की पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है। मृतकों की पहचान नलिनी अम्मा (84), उनके बेटे विद्या सागर (60) और बेटी जयश्री (53) के रूप में हुई है। नलिनी की नातिन का शादी समारोह बीते आठ तारीख को गाजियाबाद में संपन्न हुआ था। इसी में शामिल होने के लिए सभी आए थे।

सभी दिल्ली में घूमना चाह रहे थे

नलिनी के चचेरे भाई राज शेखरन ने बताया कि केरल के कोच्ची से परिवार के 13 सदस्य आए थे। शादी समारोह में शामिल होने के बाद सभी दिल्ली में घूमना चाह रहे थे। इसके लिए रविवार सुबह ही करोल बाग स्थित अर्पित होटल में आकर ठहरे थे। मंगलवार सुबह सभी को उत्तराखंड घूमने के लिए जाना था। मयूर विहार में रहने वाले राज शेखरन रोते हुए कहते हैं कि किसे पता था कि यह हादसा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही घटना की सूचना मिली, वह होटल पहुंच गए। जो लोग हादसे में बच गए हैं, उन्हें दूसरे होटलों में ठहरने की व्यवस्था कराई।

chat bot
आपका साथी