देश के 63 स्थानों पर जमीन से निकलेगा इतिहास, 8 महत्वपूर्ण स्थलों पर एएसआइ खुद करेगा खोदाई

जिन स्थानों पर खोदाई होगी उनमें हरियाणा पंजाब जम्मू कश्मीर उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और मध्य प्रदेश आदि के महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं। वहीं देश के 46 पुरातात्वित स्थलों पर अन्वेषण कार्य करने की भी अनुमति दी गई है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 09:14 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:05 AM (IST)
देश के 63 स्थानों पर जमीन से निकलेगा इतिहास, 8 महत्वपूर्ण स्थलों पर एएसआइ खुद करेगा खोदाई
सरस्वती नदी के लिए पिछले कई सालों से प्रयास चल रहे हैं।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। वर्ष 2021-22 के दौरान देशभर के ऐसे 63 स्थानों पर खोदाई (उत्खनन) होगी जहां जमीन में इतिहास दबा हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ)ने इस बारे में अनुमति दे दी है। इसमें से एएसआइ स्वयं 8 महत्वपूर्ण स्थलों पर खोदाई कराएगा, जबकि 46 स्थानों पर विभिन्न कालेज व विश्वविद्यालय आदि को अनुमति मिली है। जिन स्थानों पर खोदाई होगी उनमें हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश आदि के महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं। वहीं, देश के 46 पुरातात्वित स्थलों पर अन्वेषण कार्य करने की भी अनुमति दी गई है। एएसआइ ने जिस पुरातात्वित स्थलों पर खोदाई की अनुमति दी है, एएसआइ का जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा स्थित तिब्बा तिलियाना (जिंदर महलू) में पहली बार खोदाई कराएगा। यहां स्थित टीले से धराकहर निकलती रहती हैं, मगर अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह स्थल कितना पुराना है। इसका पता लगाने के लिए यहां खोदाई होगी। जम्मू कश्मीर में 2010 के बाद एएसआइ द्वारा यह पहली खोदाई होगी। हरियाणा के सिरसा के ठेड मोंड में खोदाई होगी। खोदाई में हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर वह स्थान भी शामिल है जहां से कैथल और सिरसा की दूरी पांच किलोमीटर है। यहां पर खोदाई में सूख चुकी सरस्वती नदी भी शामिल होगी। सरस्वती नदी के लिए पिछले कई सालों से प्रयास चल रहे हैं। वहीं राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ स्थित कालीबंगा, झारखंड के जिला हजारीबाग के ब्लाक सदर स्थित ऐतिहासिक स्थल सीतागढ़ा की पहाड़ी पर खोदाई होगी। यहां पिछले वर्ष भी खोदाई हुई थी मगर एएसआइ किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका था।

अन्य संस्थानों के ये होंगे महत्वपूर्ण स्थल

इनमें गुजरात के कच्छ स्थित नैनी रायन में बरोड़ा स्थित एमएस विश्वविद्यालय खोदाई कराएगा। वहीं हरियाणा के भिवानी स्थित तिगराना में हरियाणा के महेंद्र गढ़ स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय खोदाई कराएगी। सेंटर आफ सेंट्रल एसियन स्टडीज विश्वविद्यालय आफ कश्मीर, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र में स्थित बुर्जाहम, मध्य प्रदेश के भीमबेटका स्थित राक शेल्टर की खोदाई मध्य प्रदेश के अमरकंटक स्थित इंदिरागांधी जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा कराई जाएगी। बिहार के जिला सारन स्थित चिरांद में पूना विश्वविद्यालय से संबद्ध डेक्कन कॉलेज द्वारा कराई जाएगी। इसके अलावा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा बनारस के राजा तालाब स्थित बाभानियार, हरियाणा के भिवानी स्थित खनक, उत्तर प्रदेश के चंदोली जिला स्थित भानदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में खोदाई कराई जाएगी। पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदनीपुर स्थित बहीरी में कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा खोदाई कराई जाएगी वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर के घाटमपुर में स्थित बिहूपुर-रार में बृह्मवर्त रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर द्वारा खोदाई कराई जाएगी।

एएसआइ इन स्थानों पर कराएगा खोदाई

जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा स्थित तिब्बा तिलियाना (जिंदर महलू) राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ स्थित कालीबंगा। झारखंड के जिला हजारीबाग के ब्लाक सदर स्थित सीतागढ़ा। गुजरात के जिला मेहसाणा के बडनगर। कर्नाटक के जिला हासन स्थित हालेबिडू। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित तेवर का त्रिपुरी। हरियाणा के सिरसा के ठेड मोंड। पंजाब के मोहाली स्थित मसोल पहाड़ी। 

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