हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व कृषि विपणन बोर्ड को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

कृषि उपज को चढ़ाने और उतारने का काम करने श्रमिकों-पल्लेदारों की दुर्दशा व उनका वेतन में संशोधन नहीं करने को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड से जवाब मांगा है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:49 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:49 PM (IST)
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व कृषि विपणन बोर्ड को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
अदालत ने उक्त निर्देश राष्ट्रीय हमल पंचायत एवं अन्य असंगथित कामगार यूनियन ने याचिका पर दिया।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कृषि उपज को चढ़ाने और उतारने का काम करने श्रमिकों-पल्लेदारों की दुर्दशा व उनका वेतन में संशोधन नहीं करने को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार व बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने उक्त निर्देश राष्ट्रीय हमल पंचायत एवं अन्य असंगथित कामगार यूनियन ने याचिका पर दिया।

कोर्ट ने याचिका पर कृषि उपज मंडी समिति आजादपुर से भी जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी।याचिकाकर्ता संगठन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि पल्लेदार कृषि उपज को चढ़ाने और उतारने का काम करते हैं और वर्ष 1980 के बाद से अधिकारियों द्वारा उनके वेतन को संशोधित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के आधिकारिक अस्तित्व को स्थापित करने वाला लाइसेंस भी अधिकारियों द्वारा हेड-लोड श्रमिकों को जारी नहीं किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया है कि मुद्रास्फीति में तेज उछाल के कारण श्रमिकों को खाना से लेकर, कपड़े, शिक्षा, स्वास्थ्य और घर जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं श्रमिकों के पास कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है।

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