स्कूल के लिए भूमि आवंटन में हुई गड़बड़ी पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
स्कूल निर्माण के लिए आवंटित की गई भूमि दिल्ली जल बोर्ड के नाम आवंटित होने की जानकारी होने पर अदालत ने डीडीए उपाध्यक्ष को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। पीठ ने डीडीए उपाध्यक्ष से पूछा क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। एक ही भूमि को दो संस्थाओं को आवंटित करने के दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के लापरवाह रवैये पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। प्रेम नगर किराड़ी में स्कूल निर्माण के लिए आवंटित की गई भूमि को पहले ही दिल्ली जल बोर्ड के नाम आवंटित होने की जानकारी होने पर अदालत ने डीडीए उपाध्यक्ष को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। पीठ ने डीडीए उपाध्यक्ष से पूछा क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
प्रेम नगर किराड़ी में आवंटित की गई भूमि को पहले ही जल बोर्ड को किया जा चुका है आवंटित
गैर सरकारी संगठन हमारा प्रयास सामाजिक उत्थान की याचिका पर पीठ ने हैरानी जताई कि एक तरफ तो डीडीए उपाध्यक्ष ने सरकारी स्कूल के लिए भूमि आवंटित करने के संबंध में अदालत में रिपोर्ट पेश की। पीठ ने कहा कि अब यह पता चल रहा है कि उक्त भूमि को तो पहले ही जल बोर्ड के नाम आवंटित किया जा चुका है।
अगली सुनवाई 18 मई को
मामले में अगली सुनवाई 18 मई को होगी। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से अवमानना याचिका दायर कर एनजीओ ने डीडीए पर अदालत से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। याचिका में कहा गया कि भूमि आवंटन करने के मामले की जांच करने पर पाया गया कि यह भूमि पहले से ही जल बोर्ड के नाम आवंटित है। हाई कोर्ट ने 24 सितंबर, 2019 को डीडीए को प्रेम नगर में सरकारी स्कूल बनाने के लिए भूमि आवंटित करने का निर्देश दिया था। करीब 15 माह बाद भी भूमि आवंटित न करने अवमानना याचिका पर डीडीए ने भूमि आवंटित करने की बात की, लेकिन अब भी भूमि आवंटित नहीं हुई।