दिल्ली से झारखंड का हेरोइन तस्कर गिरफ्तार, नक्सलियों का लिंक सामने आने से पुलिस महकमा चौकस

स्पेशल सेल के डीसीपी सजीव कुमार यादव ने बताया कि पुलिस लगातार ड्रग्स तस्करों पर नजर रख रही है। इसी कड़ी में एक बदमाश पकड़ा गया जो झारखंड का हेरोइन तस्कर निकला।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 06:47 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 06:47 PM (IST)
दिल्ली से झारखंड का हेरोइन तस्कर गिरफ्तार, नक्सलियों का लिंक सामने आने से पुलिस महकमा चौकस
दिल्ली से झारखंड का हेरोइन तस्कर गिरफ्तार, नक्सलियों का लिंक सामने आने से पुलिस महकमा चौकस

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतरराज्यीय गिरोह के एक हेरोइन तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर की पहचान झारखंड के चतरा जिला निवासी संतोष कुमार सिन्हा के रूप में हुई है। वह उत्तर प्रदेश के तस्करों के साथ मिलकर हेरोइन की तस्करी कर रहा था। चतरा के नक्सल प्रभावित इलाके में उगाइ गई अफीम से हेरोइन बनाई जाती थी। बाद में इसकी आपूर्ति दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य हिस्से में की जाती थी। तस्कर के पास से आठ किलो हेरोइन बरामद हुई है। पुलिस अब आरोपित के साथियों की तलाश में जुट गई है।

स्पेशल सेल के डीसीपी सजीव कुमार यादव ने बताया कि पुलिस लगातार ड्रग्स तस्करों पर नजर रख रही है। कई टीमों को इस काम में लगाया गया है। छानबीन के दौरान पुलिस को झारखंड-उत्तर प्रदेश से जुड़े तस्करों द्वारा दिल्ली में हेरोइन तस्करी के बारे में जानकारी मिली। यह भी पता चला कि झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले चतरा, सरायकेला और पलामू इत्यादि के वन क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही है। नक्सलियों के शह पर किसान व्यवसाय के रूप में अफीम की खेती कर रहे हैं। बाद में अफीम से हेरोइन बनाकर इसकी तस्करी दश भर में की जाती है। झारखंड का एक तस्कर हेरोइन की खेप के साथ दिल्ली आने वाला है। इसकी सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने 10 अगस्त को रोहिणी

सेक्टर-3 इलाके से तस्कर संतोष कुमार सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तस्कर ने बताया कि उसका गांव झारखंड के चतरा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। वहां बड़े स्तर पर अफीम की खेती होती है। जल्द रुपये बनाने के चक्कर में पहले गांव के मुकेश के साथ मिलकर उसने ड्रग्स की तस्करी शुरू की थी। बाद में खुद का नेटवर्क विकसित होने पर वह स्वतंत्र तरीके से हेरोइन की तस्करी करने लगा था। वह उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले फुरकान और नेता नाम के तस्कर के साथ मिलकर काम कर रहा था। संतोष ग्रामीणों से कच्ची अफीम खरीदता था। बाद में उससे हेरोइन बनाकर उसकी आर्पूित करता था।

गिरफ्तारी से बचने के लिए तस्कर गिरोह हेरोइन आपूर्ति के लिए हर बार अलग-अलग वाहन और ट्रेन का प्रयोग करते थे। आरोपित गत तीन वर्ष से हेरोइन की तस्करी में लिप्त था। पुलिस अब तस्कर और नक्सलियों के बीच गठजोड़ को स्थापित करने के लिए छानबीन कर रही है।

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