कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, डाक्टर्स ने बताया बचाव का तरीका

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। उत्तम नगर मोहन गार्डन महावीर एंक्लेव जनकपुरी ये कुछ ऐसे इलाके है जहां अफ्रीका के नाइजीरियाई देश के नागरिकों की संख्या काफी ज्यादा है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:42 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:42 PM (IST)
कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, डाक्टर्स ने बताया बचाव का तरीका
कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अहम हथियार, पर शत-प्रतिशत आंकड़ों से अभी दूर है प्रशासन demo ANI

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। उधर, काफी हद तक लोग भी अब पहले से सतर्क नजर आ रहे है। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो फिलहाल संक्रमण दर कम है और संक्रमण दर न बढ़े इसके लिए युद्ध स्तर पर दो कार्याें पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसमें पहला है शत-प्रतिशत योग्य लोगों का टीकाकरण और दूसरा अधिक से अधिक लोगों की जांच व संक्रमितों पर कड़ी निगरानी। अच्छी बात यह है कि हर घर दस्तक अभियान की शुरुआत के बाद टीकाकरण अभियान की रफ्तार काफी तेज हो गई है। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण कर रहे है।

दक्षिण-पश्चिमी जिले में टीकाकरण अभियान की नोडल आफिसर डा. मोनिका ने बताया कि हर घर दस्तक अभियान से पूर्व टीकाकरण अभियान काफी सुस्त था, पर अब ऐसा नहीं है। जिले में अब नियमित रूप से 15 हजार लोगों का टीकाकरण हो रहा है। यदि ऐसी रफ्तार बनी रही तो जल्द ही जिले के शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कर लिया जाएगा। हालांकि जिले में कई इलाके व वर्ग ऐसे है, जिनमें टीकाकरण को लेकर संशय अभी भी कायम है और वे टीका लगवाने से बच रहे है। ऐसे लोग आगे आए इसके लिए समाज के प्रमुख लोगों को उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।

नाइजीरियाई मूल के नागरिक टीकाकरण से दूर

उत्तम नगर, मोहन गार्डन, महावीर एंक्लेव, जनकपुरी ये कुछ ऐसे इलाके है जहां अफ्रीका के नाइजीरियाई देश के नागरिकों की संख्या काफी ज्यादा है। कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में टीकाकरण एक मूल हथियार पर नाइजीरियाई मूल के नागरिकों में टीकाकरण को लेकर अभी भी संशय कायम है। यही कारण है कि ये लोग टीकाकरण कराने से बच रहे है। कुछ एकाध को छोड़ दें तो अधिकांश नाइजीरियाई मूल के नागरिकों ने अभी तक टीकाकरण नहीं कराया है, जो चिंता का विषय है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इन लोगों को टीकाकरण कराने के लिए अब तक प्रेरित नहीं कर पाया है और न ही इस दिशा में अब तक कोई प्रयास हुआ है।

हालांकि शुरुआत में फोटो वाला पहचान पत्र नहीं होने के कारण इनका टीकाकरण नहीं संभव था, पर अब ऐसा कोई नियम नहीं है। जिन लोगों के पास कोई पहचान पत्र नहीं है स्वास्थ्य विभाग उनका भी टीकाकरण कर रहा है। उधर, नाइजीरियाई मूल के नागरिकों का कहना हैं कि टीकाकरण के बाद भी यदि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते है तो टीकाकरण कराने का क्या फायदा, जबकि कुछ का जवाब है कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत है ऐसे में उन्हें टीकाकरण की जरूरत नहीं है। नए वैरिएंट के दस्तक देने के बाद नाइजीरियाई मूल के नागरिकों का टीकाकरण प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।

नियमित रूप से हो रही कोरोना जांच

दक्षिण-पश्चिमी जिला : 10 हजार

पश्चिमी जिला : 5500

कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 

दक्षिण-पश्चिमी जिला : 25

पश्चिमी जिला : 25

सक्रिय कंटेनमेंट जोन 

दक्षिण-पश्चिमी जिला : 13

पश्चिमी जिला : 4

अब तक हुआ टीकाकरण

 दक्षिण-पश्चिमी जिला

पहला डोज : 79 फीसद

दूसरा डोज : 67 फीसद

पश्चिमी जिला

पहला डोज : 100 फीसद

दूसरा डोज : 66 फीसद

नियमित रूप से कितने लोगों का हो रहा टीकाकरण

दक्षिण-पश्चिमी जिला : 15 हजार

पश्चिमी जिला : 13 हजार

कोविड-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन को लेकर हुए चालान

पश्चिमी जिला

22 नवंबर - 302

23 नवंबर - 352

24 नवंबर - 380

25 नवंबर - 353

26 नवंबर - 405

27 नवंबर - 374

28 नवंबर - 322

मनीपाल अस्पताल के चिकित्सा विशेषज्ञ डा. देविंद्र कुंद्रा ने कहा कि ओमिक्रोन वायरस अभी कितना खतरनाक है यह कहना मुश्किल है, पर इससे या कोरोना संक्रमण के किसी भी वैरिएंट से बचाव के लिए कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन व टीकाकरण अहम हथियार है। हालांकि टीका इस नए वैरिएंट पर कितना प्रभावी है इस पर रिसर्च जारी है, पर मौजूदा स्थिति को देखे तो देश-विदेश में ओमिक्रोन वैरिएंट के ज्यादा मामले अभी सामने नहीं आए है और जो भी मामले आएं है उनमें हल्के लक्षण ही फिलहाल देखे गए है।

विशेष तौर पर ऐसे लोग जो पहले से किसी भी तरह की बीमारी से जूझ रहे है उनके लिए कोरोना संक्रमण कल भी उतना ही घातक था जितना नए वैरिएंट के दस्तक देने के बाद है। इसलिए ऐसे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

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