Health Benefits of Green Vegetables: पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां करेंगी आपकी हिफाजत

Health Benefits of Green Vegetables नई दिल्ली के फिजीशियन डॉ. रमन कुमार ने बताया कि सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में होती है हरी पत्तेदार सब्जियों की। पोषक तत्वों से भरपूर ये नेमत बनाती है सेहतमंद और प्रदान करती है प्रतिरोधक क्षमता का सुरक्षा चक्र...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 01:48 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 01:48 PM (IST)
Health Benefits of Green Vegetables: पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां करेंगी आपकी हिफाजत
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर संक्रमण की चपेट में आने से भी बचाते हैं।

नई दिल्ली जेएनएन। Health Benefits of Green Vegetables विटामिंस, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे भोजन का अधिक मात्रा में सेवन जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है, मोटापे से लेकर कैंसर तक का प्रमुख कारण बनता है। सर्दियों में सभी तरह के साग भरपूर मात्रा में मिलते हैं। ये न केवल सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करते हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर संक्रमण की चपेट में आने से भी बचाते हैं।

सरसों का साग: सरसों में नाइट्रेट, फैटी एसिड्स और महत्वपूर्ण फायटोकेमिकल्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ्य रखते हैं। इसमें पाया जाने वाला मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। सरसों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के बुरे प्रभाव को खत्म कर कैंसर और दूसरे इंफ्लेमेटरी डिसआर्डर का खतरा कम करते हैं। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो आंतों में वसा के जमाव को रोकते हैं। सरसों का साग कब्ज व आंतों की सूजन को ठीक करता है। यदि हृदय रोगों का उपचार करा रहे हैं तो सरसों के साग का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें पाया जाने वाला विटामिन के रक्त को पतला करने वाली दवाईयों की कार्यप्रणाली में रुकावट डालता है।

बथुआ: बथुआ में विटामिन ए, सी, बी-कांप्लेक्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। बथुआ अमीनो एसिड्स का अच्छा स्रोत है। ये हमारी कोशिकाओं, मांसपेशियों और ऊतकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें लैक्जेटिव प्रॉपर्टीज होती हैं, जिससे कब्ज में राहत मिलती है और आंतों की सक्रियता बढ़ती है। नियमित रूप से बथुआ का सेवन करने से पथरी होने की आशंका कम हो जाती है।

चने का साग: चने का साग कब्ज, डायबिटीज, पीलिया आदि बीमारियों में बहुत लाभदायक होता है। इसमें फाइबर अधिक होता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और वजन को नियंत्रित रखना आसान होता है। चने के साग में कैल्शियम और पोटेशियम अच्छी मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायता करते हैं। इसमें आयरन भी काफी मात्रा में होता है। इसलिए जिन्हें एनीमिया है, उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए। इन दिनों अपने डाइट चार्ट में चने के साग को जरूर शामिल करें।

मेथी: मेथी शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने के साथ आंतों को साफ करती है। मेथी में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है। जिन लोगों को अर्थराइटिस है, उन्हें र्सिदयों में इसका सेवन जरूर करना चाहिए। मेथी हृदय में ब्लड क्लाटिंग के खतरे को कम करती है। मेथी के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्राल और लिपिड का स्तर नियंत्रित रहता है। यह रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित कर डायबिटीज के खतरे को कम करती है। मेथी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण किडनी संबंधी समस्याओं से भी बचाती है।

पालक: पालक में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पॉली सैचुरेटेड फैट, ओमेगा 3, ओमेगा 6, विटामिंस और मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसे बहुत पोषक माना जाता है। इसमें काफी मात्रा में नाइट्रेट भी होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का काम करता है। पालक का सेवन हृदय रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें कैरोटिनाइड होता है, जिसे शरीर विटामिन ए में परिर्वितत कर लेता है। गौरतलब है कि विटामिन ए आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

chat bot
आपका साथी