HC ने गृह मंत्रालय से पूछा- बिना दस्तावेज के आए विदेशियों को निर्वासित करने की क्या प्रक्रिया है, 12 तक मांगा जवाब

याचिका के अनुसार चार मार्च 2021 को एक परिचित के साथ भारत-बांग्लादेश सीमा देखने गए थेजिन्होंने सीमा के करीब पहुंचने पर उन्हें कुछ खाने को दिया था। खाने के बाद तीनों बेहोश हो गए और दस मार्च को जब उनकी नींद खुली तो वे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर थे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:13 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:13 PM (IST)
HC ने गृह मंत्रालय से पूछा- बिना दस्तावेज के आए विदेशियों को निर्वासित करने की क्या प्रक्रिया है, 12 तक मांगा जवाब
नाबालिग सहित तीन बंग्लादेशियों की याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। अगवा करने का आराेप लगाते हुए एक नाबालिग सहित तीन बांग्लादेशी युवकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा है कि बिना दस्तावेज के आए विदेशियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया क्या है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि इससे जुड़े नियम को अदालत में पेश करे। पीठ ने कहा कि अगर टाइमलाइन के साथ प्रक्रिया की जानकारी नहीं पेश की गई तो गृह मंत्रालय का वरिष्ठ अधिकारी 13 मई को अदालत में पेश हो।

तीन विभाग से मांगा गया है जवाब

पीठ ने 12 मई को नोटिस जारी कर गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार व पुलिस से जवाब मांगा था। पीठ ने पूछा था कि एक किशाेर समेत तीन युवकों के संबंध में अब तक क्या कदम उठाए गए। याचिका के अनुसार चार मार्च, 2021 को एक परिचित के साथ भारत-बांग्लादेश सीमा देखने गए थे, जिन्होंने सीमा के करीब पहुंचने पर उन्हें कुछ खाने को दिया था। खाने के बाद तीनों बेहोश हो गए और दस मार्च को जब उनकी नींद खुली तो वे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर थे।

कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज करायी शिकायत

अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्रा के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि वे तुरंत कमला मार्केट पुलिस स्टेशन गए और अपनी कहानी सुनाई। इतना ही नहीं सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार एलेडिया की मदद से उन्होंने बांग्लादेश उच्चायोग और भारत व बांग्लादेश की सरकारी एजेंसियों से संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्हाेंने कहा कि उन्हें घर वापस भेजने के संबंध में निर्देश दिया जाए। साथ ही यह भी मांग की कि पासपोर्ट व वीजा की कमी के कारण उन्हें गिरफ्तार न करने के संबंध में भी निर्देश दिया जाए।

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