Om Prakash Chautala News: 2 महीने 27 दिन पहले रिहा होंगे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री, मिली थी 10 साल की सजा
जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष 21 जून को एक आदेश जारी किया जिसमें ऐसे कैदी जिनकी सजा की अवधि पूरी होने वाली थी उन्हें विशेष छूट के तहत रिहा करने का फैसला किया।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। हरियाणा शिक्षक (जेबीटी) भर्ती घोटाला में मामले में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को सजा पूरी होने से पहले ही रिहा किया जाएगा। फिलहाल चौटाला 26 मार्च से ही इमरजेंसी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। इन्हें 21 फरवरी को जेल में आत्मसमर्पण करना था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इनके पैरोल की अवधि बढ़ा दी गई। जेल प्रशासन के अनुसार यदि ये 21 फरवरी को जेल में आत्मसमर्पण करते तो इनकी सजा दो महीने 27 दिन बची रहती।
जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष 21 जून को एक आदेश जारी किया जिसमें ऐसे कैदी जिनकी सजा की अवधि पूरी होने वाली थी, उन्हें विशेष छूट के तहत रिहा करने का फैसला किया। इस आधार पर ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई की शर्त पूरी हो रही थी। बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला 16 जनवरी 2013 को जेल में बंद हुए थे।
जानिये- क्या था जेबीटी घोटाला नवंबर, 1999 में हरियाणा में 3206 शिक्षक पदों का विज्ञापन जारी हुआ। अप्रैल 2000 में रजनी शेखर सिब्बल को प्राथमिक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया। जुलाई 2000 में रजनी शेखर को पद से हटाकर संजीव कुमार को निदेशक बनाया गया। दिसंबर 2000 में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और 18 जिलों में जेबीटी शिक्षक नियुक्त हुए। जून 2003 में संजीव कुमार इस मामले में धांधली होने का हवाला देकर मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए। नवंबर 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश दिए। मई 2004 में सीबीआई ने जांच शुरू की। जुलाई 2011 में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्ज फ्रेम हुए दिसंबर 2012 में केस की सुनवाई पूरी हुई। 16 जनवरी 2013 को ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला समेत 55 दोषी करार दिए गए। 22 जनवरी को 10-10 साल की सजा सुनाई गई। 22 जून, 2021, ओम प्रकाश चौटाला ने सजा की पूरी। इस तरह वह सजा पूरी होने से 6 महीने पहले रिहा किए जाएंगे।