एनसीआर क्षेत्र 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा समूह बन जाएगा : हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि एनसीआर में बढ़ते शहरीकरण के स्तर के साथ यह क्षेत्र 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा समूह बनने जा रहा है जो इस क्षेत्र के भविष्य के लिए बड़ी चुनौतियां पेश करता है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में एनसीआर के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान-2041 मसौदे पर चर्चा हुई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी संबंधित राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे और सहमति बनाई। इस दौरान हरदीप पुरी ने कहा कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड देश में अंतर-राज्य और अंतर-एजेंसी समन्वय और सामंजस्यपूर्ण क्षेत्रीय विकास का एक अनूठा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में बढ़ते शहरीकरण के स्तर के साथ यह क्षेत्र 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा समूह बनने जा रहा है जो इस क्षेत्र के भविष्य के लिए बड़ी चुनौतियां पेश करता है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नए वाइब्रेंट इंडिया के भविष्य के लिए तैयार एनसीआर की कल्पना और निर्माण में हम सभी मिलकर काम करेंगे। बैठक के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि इस क्षेत्र का भौगोलिक आकार राजघाट (दिल्ली) से 100 किमी के दायरे में सन्निहित गोलाकार क्षेत्र होना चाहिए। ड्राफ्ट के जनसंख्या अनुमान सांकेतिक हैं और राज्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हैं, इसीलिए सभी राज्य अगले 20 वर्षों के लिए अपने अनुमानों और उनके बुनियादी ढांचे और अन्य विकास आवश्यकताओं के अनुसार आंकड़ों का उपयोग कर सकते हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि चर्चा के दौरान प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र के तहत यह सहमति बनी कि इसे प्राकृतिक क्षेत्र कहा जाएगा। इसके भीतर के विकास को संबंधित केंद्रीय एवं राज्य कानूनों और कोर्ट एवं एनजीटी के निर्देशों के अनुसार संरक्षित एवं विनियमित उपयोग किया जाएगा। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि ड्राफ्ट-2041 में आवश्यक परिवर्तन करने के बाद इसे 30 दिनों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाना चाहिए ताकि कानून के तहत सभी हितधारकों के सुझाव एवं आपत्तियां शामिल की जा सकें। टिप्पणियों एवं प्रतिक्रियाओं पर विचार करने के लिए प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक परिवर्तन करने के बाद बोर्ड के अनुमोदन से मास्टर प्लान-2041 को मार्च 2022 तक अधिसूचित किया जाए।