Kisan Andolan: गुरनाम सिंह चढूनी बोले- सरकार से नहीं मिला बातचीत का न्यौता, ले सकते हैं दिल्ली कूच का फैसला

Kisan Andolan गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वार्ता के लिए अभी तक केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से कोई न्यौता नहीं मिला है इसलिए कृषि आंदोलन को लेकर हमारा अगला कदम क्या हो इसका फैसला कल की बैठक में लिया जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 06:51 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:28 PM (IST)
Kisan Andolan: गुरनाम सिंह चढूनी बोले- सरकार से नहीं मिला बातचीत का न्यौता, ले सकते हैं दिल्ली कूच का फैसला
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए।

नई दिल्ली/ सोनीपत [संजय निधि]। कृषि कानून वापस लेने के बाद एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी को सरकार की ओर से वार्ता का कोई न्योता नहीं मिला। इसको लेकर सोमवार शाम को कमेटी के सभी सदस्यों ने कुंडली बार्डर पर आपात बैठक की। इसमें मोर्चा की पहले से गठित नौ सदस्यीय कोर कमेटी के सदस्य भी शामिल हुए। बैठक में कमेटी के सदस्यों ने सरकार के रवैये को शर्मनाक बताते हुए साफ कहा कि प्रदर्शन को अब तेज किया जा सकता है और पूर्व निर्धारित दिल्ली कूच का भी फैसला लिया जा सकता है। इस संबंध में अंतिम निर्णय मंगलवार काे होने वाली मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल गुरनाम सिंह चढ़ूनी, शिवकुमार कक्का, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले ने कहा कि केंद्र सरकार या राज्य सरकारों से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने दो दिन तक सरकार के निमंत्रण का इंतजार किया है, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकार की मंशा थी कि मोर्चा की ओर से छोटी कमेटी बातचीत करे, उसी के अनुरूप कमेटी का गठन किया गया था। सरकार ने कोई संदेश फिलहाल नहीं भेजा है तो किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है। इसमें आंदोलन को लेकर तेज करने के साथ ही दिल्ली कूच जैसे पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों पर भी फैसला लिया जाएगा।

युद्धवीर सिंह ने कहा कि बार-बार यह फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि किसानों की मांग पूरी हो गई, लेकिन किसान स्पष्ट करना चाहते हैं कि कोई मांग ऐसी नहीं है जो मांगपत्र से बाहर हो। बचे हुए विषयों को ही सरकार के सामने रखा है। सरकार ने पिछले दो दिन में उदासीनता दिखाई है। सरकार यदि मांगों का निराकरण नहीं करती है तो मोर्चा के पहले से तय कार्यक्रमों को जारी रहेंगे। उन्होंने साफ कि उनका मिशन यूपी कार्यक्रम जारी है।

पंजाब के किसानों की वापसी शुरू 

आंदोलन को पहले ही तरह जारी रखने के निर्णय के बीच पंजाब के किसानों की लगातार हो रही वापसी संयुक्त किसान मोर्चा की चिंता बढ़ा सकती है। कुंडली बार्डर पर सोमवार को भी किसानों का ट्रैक्टर-ट्रालियों से पंजाब की ओर जाना जारी रहा। हालांकि, किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा है कि किसानों के आने-जाने की प्रक्रिया पूरे साल से जारी है। किसान वापस नहीं जा रहे बल्कि यह रूटीन प्रक्रिया है।

दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी किसानों का मानना है कि सरकार ने नरम रुख दिखाया तो अब जल्द ही अन्य मांगों पर भी विचार होगा। इसके लिए मोर्चा की ओर से गठित कमेटी अपना काम करेगी। ऐसे में आंदोलन को इस तरह से चलाने का औचित्य नहीं है। यही वजह से आंदोलन स्थल से प्रदर्शनकारियों का लौटना लगातार जारी है और जो फिलहाल वापसी नहीं कर रहे हैं, उन्होंने भी अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों की निगाह मंगलवार को मोर्चा की होने वाली बैठक पर टिकी है।

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