स्वास्थ्य मंत्री बने आम मरीज तो गार्ड ने मारा डंडा, PM ने पूछा निलंबित किया तो जानिए मांडविया ने दिया क्या जवाब

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि वह बीते दिनों जब सफदरजंग अस्पताल में औचक निरीक्षण करने के लिए आम मरीज बनकर पहुंचे तो बेंच पर बैठने के दौरान एक गार्ड ने उन्हें डंडा मारा। यही नहीं उस दौरान उन्हें अस्पताल में अव्यवस्था भी देखने को मिली।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:13 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:26 AM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री बने आम मरीज तो गार्ड ने मारा डंडा, PM ने पूछा निलंबित किया तो जानिए मांडविया ने दिया क्या जवाब
मनसुख मांडविया ने सुनाई आपबीती, कहा-सफदरजंग अस्पताल में दिखी अव्यवस्था।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि वह बीते दिनों जब सफदरजंग अस्पताल में औचक निरीक्षण करने के लिए आम मरीज बनकर पहुंचे तो बेंच पर बैठने के दौरान एक गार्ड ने उन्हें डंडा मारा। यही नहीं, उस दौरान उन्हें अस्पताल में अव्यवस्था भी देखने को मिली। यह बात मांडविया ने गुरुवार को उसी अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी चार सुविधाएं शुरू करने के दौरान कार्यक्रम में मौजूद डाक्टरों से साझा की। उन्होंने व्यवस्था में सुधार कर इसे देश का माडल अस्पताल बनाने का निर्देश दिया।

किस कारण गार्ड ने मारा डंडा

मांडविया ने सफदरजंग अस्पताल में नए आक्सीजन प्लांट, कोरोना के इलाज के लिए तैयार अस्थायी अस्पताल सहित चार सुविधाओं का शुभारंभ किया। इसके बाद डाक्टरों को संबोधित करते हुए उन्होंने यहां औचक निरीक्षण के समय की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि वह एक आम मरीज की तरह बेंच पर बैठे तो गार्ड ने उन्हें डंडा मारा और कहा कि यहां नहीं बैठना।

बुजुर्ग महिला की गार्ड ने नहीं की मदद

मांडविया ने देखा कि अस्पताल में करीब 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी। परेशान हो रही बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर दिलाने व स्ट्रेचर ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में व्यवस्था ऐसी बनाई जानी चाहिए कि मरीजों को बिल्कुल परेशानी न होने पाए। यदि अस्पताल में 1500 गार्ड हैं तो ये स्ट्रेचर ले जाने में बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने निर्देश दिया कि इमरजेंसी ब्लाक में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।

पीएम ने पूछा-गार्ड को निलंबित कर दिया, मांडविया बोले-नहीं, व्यवस्था बेहतर बनाएंगे

मंत्री ने डाक्टरों से कहा कि उन्होंने इस औचक निरीक्षण का अनुभव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी साझा किया। पीएम को जब उन्होंने यह पूरी बात बताई तो उन्होंने पूछा कि क्या जिस गार्ड ने डंडा मारा, उसे उन्होंने निलंबित कर दिया? जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं। अस्पताल व डाक्टरों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए मांडविया ने कोरोना के इलाज में डाक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सभी डाक्टरों को टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अस्पताल अपनी छवि बदलने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा।

कब की है यह घटना

उल्लेखनीय है कि विगत 24 अगस्त की रात वह आम मरीज बनकर सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी ब्लाक में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सीजीएचएस की एक डिस्पेंसरी का भी औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने गुरुवार को भी अस्पताल में मरीजों से बातचीत की और सुविधाओं के बारे में पूछा। इससे पूर्व बुधवार को भी उन्होंने आरएमएल अस्पताल में औचक निरीक्षण किया था।

यह भी पढ़ेंः चुनाव अगले साल, मगर अभी से पांच राज्यों में बढ़ रही अरविंद केजरीवाल की डिमांड, जानें वजह

तीसरी लहर से निपटने के लिए बना मेकशिफ्ट अस्पताल

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सफदरजंग अस्पताल में 44 बेड का मेकशिफ्ट अस्पताल बनाया गया है। इसमें 28 आइसीयू व 16 आक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, बुजुर्गों व बच्चों के साथ हुई हिंसा के मामलों में इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं, इसलिए ऐसे बुजुर्गों व बच्चों को सामान्य ओपीडी या इमरजेंसी में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्हें अधिकृत केंद्र में आसानी से बेहतर इलाज मिल सकेगा। इसके अलावा, सफदरजंग अस्पताल को एनएबीएच (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार हास्पिटल एंड हेल्थकेयर) का एंट्री लेवल प्रमाणपत्र भी दिया गया।

इन चार सुविधाओं का शुभारंभ आक्सीजन प्लांट (क्षमता तीन मीट्रिक टन) मेकशिफ्ट अस्पताल (44 बेड) चाइल्ड एब्यूज प्रोटेक्शन सेंटर एल्डर एब्यूज केयर सेंटर

chat bot
आपका साथी