नई आबकारी नीति से बंद हो जाएंगी सरकारी शराब की दुकानें, 350 कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार, कोर्ट पहुंचा मामला
नई आबकारी नीति को अब दिल्ली उपभोक्ता कारपोरेटिव होलसेल स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएसएल) ने जीविका के आधार पर चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार व डीसीसीसडब्ल्यूएसएल को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई आबकारी नीति को अब दिल्ली उपभोक्ता कारपोरेटिव होलसेल स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएसएल) ने जीविका के आधार पर चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार व डीसीसीसडब्ल्यूएसएल को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी। याचिका में दलील दी गई है कि सरकारी शराब की दुकानें बंद होने से वहां काम करने वाले 350 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और उनकी जीविका खत्म हो जाएग।
नई आबकारी नीति के इस नियम का असंवैधानिक व मनमाना बताते निरस्त करने की मांग की है। याचिका में इसके साथ ही 32 जोन के शराब दुकान का लाइसेंस जारी करने के संबंध में 28 जून को जारी किए गए ई-टेंडर को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कर्मचारी यूनियन ने कहा कि 30 सितंबर तक सरकारी दुकानों के लाइसेंस समाप्त हो रहा है, लेकिन अगर लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होता है तो कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि नई आबकारी नीति को कई याचिकाओं के तहत चुनौती दी गई है, जब उन पर कुछ नहीं हुआ तो अब रोजगार के आधार पर उसे चुनौती दी जा रही है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए।