14 साल बाद भी नहीं बन पाया मीठापुर का सरकारी अस्पताल, लोगों को हो रही परेशानी

अस्पताल की जमीन कूड़ा डंपिंग ग्राउंड बनी जिस जमीन पर 100 बेड का अस्पताल बनना था। क्षेत्र के लोगों की ओर से अस्पताल की जमीन पर कूड़ा फेंका जा रहा है साथ ही बेसहारा पशुओं के रहने का ठिकाना भी बनता जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 07:45 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 09:42 AM (IST)
14 साल बाद भी नहीं बन पाया मीठापुर का सरकारी अस्पताल, लोगों को हो रही परेशानी
14 साल बाद भी इस जमीन पर अस्पताल नहीं बन पाया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मीठापुर स्कूल रोड पर 100 बेड का सरकारी अस्पताल बनना था। इसके लिए 4000 वर्ग फीट जमीन भी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई थी, लेकिन 14 साल बाद भी इस जमीन पर अस्पताल नहीं बन पाया है। क्षेत्र में सरकारी अस्पताल नहीं होने से लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए निजी अस्पताल या फिर 14 से 16 किमी दूर दूसरे सरकारी अस्पताल जाना पड़ रहा है। 15 फरवरी 2007 को इस जमीन पर अस्पताल बनाने के लिए शिलान्यास भी किया था। अब इस जमीन पर बस नेताओं के नाम की एक पट्टी ही रह गई है और चारों तरफ कूड़े का ढेर लगा हुआ है।

अस्पताल की जमीन कूड़ा डंपिंग ग्राउंड बनी जिस जमीन पर 100 बेड का अस्पताल बनना था। वह जमीन कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो गई है। क्षेत्र के लोगों की ओर से अस्पताल की जमीन पर कूड़ा फेंका जा रहा है, साथ ही बेसहारा पशुओं के रहने का ठिकाना भी बनता जा रहा है।

क्षेत्र में आबादी लाखों में है, परंतु क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। इस वजह से लोगों को निजी अस्पताल या फिर दूर-दराज के इलाकों में बने अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लोगों को 18 किमी दूर एम्स व सफदरजंग अस्पताल मजबूरी में जाना पड़ रहा है, जिससे कई बार गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचते ही दम भी तोड़ देते हैं।

स्थानीय निवासी रमन बताते हैं कि यहां पर अस्पताल का शिलान्यास तो किया गया, लेकिन सरकार बदली तो अस्पताल की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इससे क्षेत्र के लोगों को सरकारी अस्पताल नहीं मिल पाया। बीते 14 साल से लोग परेशानी झेल रहे हैं। पंकज ने बताया कि दिल्ली सरकार को यहां पर अस्पताल बनाना चाहिए, जिससे क्षेत्र के लोगों को दूर-दराज के इलाकों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा।

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