Good News: लाइफ सर्टिफिकेट देने के बाद ही मिलेगी पेंशन, सितंबर माह की जारी, अब हर माह मिलेगी

भाजपा पार्षद सुरेश कुमार जल्द से जल्द निगम से पेंशन लेने वाले लाभार्थियों को पेंशन देने की मांग कर रहे थे। इस पर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने कहा कि पेंशन के लिए राशि जारी हो गई है। ऐसे में जो-जो लाभार्थी लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन का प्रमाण पत्र) देना होगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 07:02 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:02 PM (IST)
Good News: लाइफ सर्टिफिकेट देने के बाद ही मिलेगी पेंशन, सितंबर माह की जारी, अब हर माह मिलेगी
पेंशन में गडबड़ियों की लोकायुक्त के आदेश पर हो रही है जांच

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दो साल बाद कुछ ही दिनों में निगम से पेंशन लेने वाले लाभार्थियों को पेंशन मिल जाएगी। हालांकि इससे पहले सभी लाभार्थियों को लाइफ सर्टिफिकेट देना होगा। इसके बाद हर माह पेंशन बिना देरी के मिलनी शुरू हो जाएगी। दरअसल, भाजपा पार्षद सुरेश कुमार जल्द से जल्द निगम से पेंशन लेने वाले लाभार्थियों को पेंशन देने की मांग कर रहे थे। इस पर निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने कहा कि पेंशन के लिए राशि जारी हो गई है। ऐसे में जो-जो लाभार्थी लाइफ सर्टिफिकेट (जीवन का प्रमाण पत्र) देना होगा।

इसके बाद भी कई पार्षद तुरंत पेंशन जारी करने की मांग कर रहे थे। इस पर निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि नजफगढ़ जोन में ऐसी कई शिकायतें हैं कि जो पेंशन ले रहे हैं उसमें कुछ गड़बड़ी है। लोकायुक्त ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसलिए सभी से लाइफ सर्टिफिकेट लेने के बाद पेंशन जारी कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि निगम किन्नर, विधवा, तलाकशुदा व निराश्रित बच्चों को पेंशन देता है। इसमें एक पार्षद अपने क्षेत्र में 450 लोगों को पेंशन देने की अनुशंसा कर सकता है।

वहीं, महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष के पास यह 700 का कोटा होता है। इस तरह केवल दक्षिणी दिल्ली निगम में 45 हजार पेंशन के लाभार्थी है। इन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये पेंशन देने का प्रविधान है। सितंबर 2019 से निगम खराब आर्थिक स्थिति के चलते पेंशन नहीं दे पा रहा था। अब निगम सितंबर माह से प्रतिमाह पेेंशन जारी करने का फैसला किया है।

पार्षद से करें संपर्क

पेंशन लेने वाले लाभार्थी अपने स्थानीय पार्षद व जोन कार्यालय में संपर्क करना होगा। लाइफ सर्टिफिकेट में लाभार्थी को यह लिखकर देना होता है कि वह जीवित है। यह हर वर्ष होने वाली सामान्य प्रक्रिया है। चूंकि दो वर्ष से निगम पेंशन नहीं दे रहा था वहीं कोरोना में भी काफी मृत्यु हुई है। ऐसे में निगम फिर से इनकी जांच कर प्रक्रिया को पारदर्शी करना चाहता है।

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