NCR के लोगों के लिए अच्छी खबर, जून से दिल्ली के नामी अस्पताल में उपलब्ध होगी स्पूतनिक वी

अपोलो अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि उसके देशभर के अस्पतालों में जून के दूसरे हफ्ते से रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का टीकाकरण व्यापक पैमाने पर शुरू हो जाएगा। इससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी लाभ होगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 09:08 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 09:08 AM (IST)
NCR के लोगों के लिए अच्छी खबर, जून से दिल्ली के नामी अस्पताल में उपलब्ध होगी स्पूतनिक वी
NCR के लोगों के लिए अच्छी खबर, जून से दिल्ली के नामी अस्पताल में उपलब्ध होगी स्पूतनिक वी

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना रोधी वैक्सीन की कमी से जूझ रहे दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों के लोगों के लिए राहत भरी खबर आ रही है। मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ 90 फीसद से अधिक कारगर मानी जाने वाली रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी जून के दूसरे हफ्ते से देश भर में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। यह भी जानकारी मिली है कि देश की राजदानी दिल्ली के नामी अपोलो अस्पताल में भी वैक्सीन स्पूतनिक वी उपलब्ध होगी। इस बाबत अपोलो अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि उसके देशभर के अस्पतालों में जून के दूसरे हफ्ते से रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का टीकाकरण व्यापक पैमाने पर शुरू हो जाएगा। कहा गया है कि अपोलो के हॉस्पिटल नेटवर्क में यह वैक्सीन उपलब्ध होगी, जिसमें दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोला अस्पताल भी शामिल है।

अपोलो ग्रुप की एग्जिक्यूटिव वाइस-प्रेसिडेंट शोभना कामीनेनी ने इस बाबत जानकारी दी है कि अपोलो समूह ने देशभर के 80 स्थानों पर 10 लाख वैक्सीन लगाने का काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जून में हम हर हफ्ते 10 लाख टीका लगाएंगे। जुलाई में इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाएगा। जाहिर है कि सरकारी की ओर से दी गई गाइडलाइन के मुताबिक, टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स, ज्यादा रिस्क वाले लोगों और कॉर्पोरेट जगत के कर्मचारियों को प्राथमिकता दी गई है। 

देश में अब तक लगाई जा रही हैं ये 3 वैक्सीन

यहां पर पर बता दें कि स्पूतनिक वी तीसरी ऐसी वैक्सीन है, जो देश के लोगों को लगाई जा रही है। कुलमिलाकर मई के अंतिम सप्ताह से देशभर में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी लोगों को लगाई जा रही है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन को देश में सबसे पहले इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। कोविशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर इसे बनाया है। उधर, हैदराबाद की भारत बायोटेक कोवैक्सीन का उत्पादन कर रही है। इसके डोज का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी जोरों पर है।

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