Good News For Patients: हिंदूराव में फिर से शुरू हुई ओपीडी सेवा, पहले ही दिन 431 मरीजों का हुआ इलाज
Good News For Patients उत्तरी निगम के सबसे बड़े अस्पताल बाड़ा हिंदूराव में ओपीडी सेवाएं बहाल हो गई है। पहले ही दिन 431 मरीजों का ओपीडी में इलाज किया गया। निगम ने इस अस्पताल को कोरोना मरीजों के इलाज को आरक्षित करने के चलते ओपीडी को बंद कर दिया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तरी निगम के सबसे बड़े अस्पताल बाड़ा हिंदूराव में ओपीडी सेवाएं बहाल हो गई है। मंगलवार को पहले ही दिन 431 मरीजों का ओपीडी में इलाज किया गया। निगम ने इस अस्पताल को कोरोना मरीजों के इलाज को आरक्षित करने के चलते ओपीडी को बंद कर दिया था। कोरोना के मामले कम होने के बाद फिर से इसमें ओपीडी सेवाएं शुरू की गई है।
हालांकि अभी भी यहां कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। फिलहाल यहां पर अभी छह कोरोना के मरीज दाखिल हैं जिनका इलाज चल रहा है। उल्लेखनीय है कि हिंदूराव अस्पताल कोरोना के मरीजों के इलाज के चलते मरीजों को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया था। जिससे निगम के कस्तूराब अस्पताल पर बाल एवं प्रसूति विभाग में आने वाले मरीजों का दवाब बढ़ गया था।
कोरोना के मामले कम होने की वजह से स्थानीय पार्षद और नागरिकों द्वारा इस अस्पताल में फिर से ओपीडी शुरू करने की मांग भी की जा रही थी। यह निगम का सबसे बड़ा अस्पताल है जिसमें 900 से अधिक बिस्तर हैं। वहीं, बाल एवं प्रसूति, ईएनटी, त्वचा, फिजियोथैरेपी जैसे प्रमुख विभाग हैं जिनमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं।
उधर केंद्र सरकार ने सोमवार से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ-साथ अब युवाओं को भी निशुल्क टीका उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है इसलिए उम्मीद है कि दिल्ली में युवाओं के लिए टीके की उपलब्धता बढ़ेगी। साथ बगैर पंजीकरण के युवाओं का भी टीकाकरण हो सकेगे। बताया जा रहा है कि कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन द्वारा बगैर पंजीकरण के वाक-इन के आधार पर टीकाकरण की व्यवस्था की कर ली गई है।
गौरतलह है कि राजधानी दिल्ली में विभिन्न जगहों पर 690 जगहों पर करीब 1040 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इसके तहत 45 साल से अधिक उम्र के लोगों व 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। वैसे तो दिल्ली में अभी टीके के स्टॉक की कमी नहीं है लेकिन कोवैक्सीन की कमी बनी हुई है। इस वजह से पहली डोज लेने वालों को अभी कोवैक्सीन टीका नहीं मिल पा रहा है।