ऑक्सीजन सिलेंडर पाने की राह हुई आसान, प्रशासन का प्रयास ला रहा रंग

मरीज की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट या सीटी-स्कैन रिपोर्ट मरीज व तीमारदार का आधार कार्ड समेत चिकित्सीय परामर्श वाला पर्चा देखने के बाद ही डिपो मैनेजर द्वारा तीमारदार को खाली सिलेंडर के बजाय उसी माप का भरा उपलब्ध कराया जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 07:45 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:10 AM (IST)
ऑक्सीजन सिलेंडर पाने की राह हुई आसान, प्रशासन का प्रयास ला रहा रंग
दक्षिण-पश्चिमी जिले के निवासी ही द्वारका सेक्टर-2 बस डिपो पर प्राप्त कर सकेंगे आक्सीजन सिलेंडर।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। दक्षिण-पश्चिमी जिले के एसडीएम हेडक्वार्टर पीयूष मोहान्ति ने बताया कि शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए नंगली सकरावती स्थित अम्बे गैस प्लांट के बजाय होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के लिए शुक्रवार से द्वारका सेक्टर-2 स्थित बस डिपो में आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर दी गई है। यहां पर्याप्त मात्रा में डी-टाइप व बी-टाइप के सिलेंडर की प्रशासन ने व्यवस्था की है। पर सोमवार से केवल दक्षिण-पश्चिमी जिले के निवासी ही यहां से सिलेंडर प्राप्त कर सकेंगे, इसके लिए आर्डर जारी करने के साथ आर्डर की एक कापी को डिपो के बाहर चस्पा दिया गया है। असल में डिपो पर सुविधा शुरू होने के बाद पड़ोसी जिले के लोग भी सिलेंडर लेने पहुंच रहे है। जिसके कारण दक्षिण-पश्चिमी जिले के निवासी इस सुविधा का ज्यादा लाभ नहीं उठा पा रहे है।

जिले के निवासियों को प्राथमिकता देते हुए यह आर्डर जारी किया गया है। मरीज की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट या सीटी-स्कैन रिपोर्ट, मरीज व तीमारदार का आधार कार्ड समेत चिकित्सीय परामर्श वाला पर्चा देखने के बाद ही डिपो मैनेजर द्वारा तीमारदार को खाली सिलेंडर के बजाय उसी माप का भरा सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। शनिवार को डिपो पर 117 डी-टाइप और 11 बी-टाइप के सिलेंडर लोगों को उपलब्ध कराएं गए है। शुक्रवार व शनिवार दो दिनों में कुल 300 डी-टाइप और 11 बी-टाइप सिलेंडर लोगों को दिए गए है।

वहीं मुंडका स्थित पैरामाउंट गैस रिफिलिंग स्टेशन पर भी भीड़ प्रबंधन को मद्देनजर रखते हुए होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए स्टेशन के नजदीकी सरकारी स्कूल में सिलेंडर उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी गई है। इससे रिफिलिंग स्टेशन पर कतार में भी कमी आई है। अतिरिक्त जिला उपायुक्त धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि रिफिलिंग स्टेशन के आसपास पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण रिफिलिंग स्टेशन से पार्किंग तक लोग आक्सीजन सिलेंडर को लुढ़काते हुए ले जाते है। इससे दुर्घटना की संभावना को देखते हुए नजदीकी स्कूल में व्यवस्था की गई है।

यहां होम आइसोलेशन मे रह रहे मरीज के लिए सिलेंडर भरवाने के लिए आए लोगों को टोकन मुहैया किया जाता है। खाली सिलेंडर लोगों से लेकर उस पर उनका नंबर लिख दिया जाता है और जैसे ही 10-20 खाली सिलेंडर जमा हो जाते है उन्हें ट्रक में रखकर कर्मचारियों द्वारा रिफिलिंग स्टेशन पर ले जाया जाता है। कर्मचारी सभी सिलेंडर काे भरवाकर स्कूल पर लाकर लोगों को सिलेंडर सौंप देता है। इस पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है।

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