दिल्ली में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल कर महंगी कारें चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 आरोपित गिरफ्तार
हाइटेक तरीके से महंगी कारों को कुछ ही मिनटों में चोरी करने वाले गिरोह का शाहदरा जिला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह के बदमाश गाड़ी चोरी करने के लिए एक्स हॉर्स एप व जीपीएस जैमर का इस्तेमाल करते थे।
नई दिल्ली जागरण संवाददाता। हाइटेक तरीके से महंगी कारों को कुछ ही मिनटों में चोरी करने वाले गिरोह का शाहदरा जिला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह के बदमाश गाड़ी चोरी करने के लिए एक्स हॉर्स एप व जीपीएस जैमर का इस्तेमाल करते थे। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान गिरोह के सरगना अलीपुर निवासी कुलदीप उर्फ लक्की, उत्तराखंड निवासी फैसल , मेरठ निवासी अजरुद्दीन व राजस्थान निवासी मनीष कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने गिरोह के पास से नौ महंगी कारें, चोरी करने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, जीपीएस जैमर, लैपटाप व अन्य सामान बरामद किया है। चोरी की कारों को नंबर बदलकर उनमें शराब व ड्रग तस्करी की जाती थी।
जिला पुलिस उपायुक्त आर सत्युंदरम ने बताया कि जिला पुलिस पिछले काफी समय से वाहन चोरी करने वाले गिरोह पर निगाह बनाएं हुए थी। आठ सितंबर को पुलिस टीम सीबीडी ग्राउंड के पास पहुंची, यहां चार बदमाश क्रेटा और ब्रेजा कारों की नंबर प्लेट बदल रहे थे। पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें पकड़ने का प्रयास किया तो उन्होंने लोहे की राॅड व पत्थरों से हमला कर दिया। किसी तरह से पुलिसकर्मियों ने दो बदमाशों को काबू किया, जबकि उनके दो साथी बदमाश फरार हो गए।
पकड़े गए बदमाशों की पहचान अजरुद्दीन व फैसल के रूप में हुई। बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना कुलदीप है, उसके इशारे पर वह महंंगी कारे चोरी करते हैं। पुलिस ने जाल बिछाकर कुलदीप को दबोच लिया, इसकी निशानदेही पर इससे चोरी की कारें खरीदने वाले मनीष कुमार को राजस्थान से गिरफ्तार किया। बदमाशों ने बताया कि वह पिछले करीब दो महीने में 50 से अधिक महंगी कारें चोरी कर चुके हैं। कुलदीप पेशे से मैकेनिक है। वह अलीपुर थाने का घोषित बदमाश है। उसके खिलाफ पहले से वाहन चोरी के 18 केस दर्ज हैं।
कुछ ही मिनटों में कार चोरी कर लेते थे
पुलिस को पूछताछ में कुलदीप ने बताया कि कारों के ईसीएम को डी-कोड करने के लिए डिजीटल-की द्वारा एक्स-हार्स एप का इस्तेमाल किया जाता था। कुछ ही मिनट में वह मोबाइल या लैपटाप के जरिये इग्नीशन सिस्टम से छेड़छाड़ करके कार को स्टार्ट कर लेते थे। वह चोरी से पहले उन कारों की भी पहचान करते थे, जिसमें जीपीएस लगा होता था। जिस कार में जीपीएस होता था वह उसमें जैमर लगा देते थे। चोरी के बाद जीपीएस को कार से निकाल देते थे।
तस्करी में हस्तेमाल करते थे चोरी की कार
गिरोह के बदमाश दिल्ली-एनसीआर से कारें चोरी करके राजस्थान में ले जाकर मनीष को बेच देते थे। मनीष कारों की नंबर प्लेट बदलकर व पीछे की सीटें निकाल कर तस्करों को बेच देता था। उन कारों में शराब व ड्रग तस्कर की जाती थी। पुलिस उससे पूछताछ कर तस्करों के बारे में भी पता लगा रही है।